(मुखड़ा) ओ शेरावाली माँ, क्या खेल रचाया है, तू प्यार का सागर है, तू मन का किनारा है, ओ शेरावाली माँ, क्या खेल रचाया है।।
(अंतरा) देखी है तेरी दुनिया, क्या रचना रचाई है, दिन-रात के चक्कर में, कुछ समझ ना आई है,
हर पल जो बीत रहा, माँ, तेरा इशारा है, ओ शेरावाली माँ, क्या खेल रचाया है।।
महलों में भी दुःख देखे, और सड़कों पे खुशहाली, कोई राजा है किस्मत का, कोई किस्मत से खाली, सब तेरी लीला है, सब तेरा फ़साना है, ओ शेरावाली माँ, क्या खेल रचाया है।।
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
कोई फूलों पे सो ना सके, कोई काँटों में हँसता है, कहीं मौत हुई सस्ती, कहीं जीवन महंगा है, कोई खुशियों में डूबा है, कोई ग़म का मारा है, ओ शेरावाली माँ, क्या खेल रचाया है।।
कोई जन्म से पहले मरे, कोई मर के भी जीता है, कोई घाव लगाता है,
कोई ज़ख्मों को सीता है, ये कैसी हक़ीकत है, ये कैसा नज़ारा है, ओ शेरावाली माँ, क्या खेल रचाया है।।
कोई दुःख को सुख समझे, कोई सुख में भी रोता है, आशा और तृष्णा का, कभी अंत ना होता है, इस भूल-भुलैया में, पड़ा दास बेचारा है, ओ शेरावाली माँ, क्या खेल रचाया है।।
(पुनरावृति) ओ शेरावाली माँ, क्या खेल रचाया है, तू प्यार का सागर है, तू मन का किनारा है, ओ शेरावाली माँ, क्या खेल रचाया है।।
ज़िंदगी जीने का नज़रिया बदल देगा ये भजन /Bhajan of Mata Rani/Mata Rani Bhajan Song/Mata Ji Ke Bhajan