दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है लिरिक्स

दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है

दिल की हर धड़कन से,
तेरा नाम निकलता है,
कान्हा तेरे दर्शन को,
तेरा दास तरसता है।

जन्मो पे जनम लेकर,
मैं हार गया मोहन
दर्शन बिन व्यर्थ हुआ
हर बार मेरा जीवन
अब धीर नहीं मुझमे,
कितना तू परखता है
कान्हां तेरे दर्शन को,
तेरा दास तरसता है।

शतरंज बना जग को
क्या खेल सजाया है
मोहरो की तरह हमको,
क्या खूब नचाया है
ये खेल तेरे न्यारे,
तू ही तो समझता है
कान्हां तेरे दर्शन को,
तेरा दास तरसता है।

कर दो न दया मोहन,
दातार कहाते हो
नयनो का नीर बहै,
क्यू देर लगाते हो
नंदू दिल का दिल में,
अरमान मचलता है
कान्हां तेरे दर्शन को,
तेरा दास तरसता है। 
 

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