दुःख का बादल जब जब मुझपे छा गया

दुःख का बादल जब जब मुझपे छा गया

दुःख का बादल जब जब मुझपे छा गया,
नीले घोड़े चढ़ कर बाबा मेरा आ गया।

जब जब संकट आया है इसको सामने पाया है,
दुनिया ने रिश्ते तोड़े इसने साथ निभाया है,
रोते हुए हँसा गया अपने गले लगा गया,
वो आ गया वो आ गया मेरा श्याम,
दुःख का बादल जब जब मुझपे छा गया,
नीले घोड़े चढ़ कर बाबा मेरा आ गया।

स्वार्थ के संसार में येही एक सहारा है,
हर प्रेमी हक़ से कहता बाबा श्याम हमारा है,
हारे हुए को जीता गया भक्त का मान बढ़ा गया,
वो आ गया वो आ गया मेरा श्याम,
दुःख का बादल जब जब मुझपे छा गया,
नीले घोड़े चढ़ कर बाबा मेरा आ गया। 

ये सच्चा दातार है इसकी दया अपार है,
इसकी रेहमत से चलता मेरा घर संसार है,
रजनी की बिगड़ी बना गया हर घडी लाज बचा गया,
वो आ गया वो आ गया मेरा श्याम,
दुःख का बादल जब जब मुझपे छा गया,
नीले घोड़े चढ़ कर बाबा मेरा आ गया।


श्याम आ जाओ ना ~ दुख का बादल जब जब मुझ पर छा गया | Rajni Rajsthani | Khatu Baba Shyam Hindi Bhajan

सुंदर भजन में एक ऐसी गहरी आस्था की बात है, जो दुखों के बीच भी मन को थाम लेती है। जब जीवन में संकट के बादल घने हो जाते हैं, तब श्रीकृष्णजी, अपने भक्त के लिए, मानो नीले घोड़े पर सवार होकर तुरंत आ पहुँचते हैं। यह विश्वास है कि वह हर मुश्किल में साथ देता है, चाहे दुनिया कितना ही साथ छोड़े। जब सारे रिश्ते टूट जाते हैं, तब भी वह अपने भक्त को गले लगाकर उसकी हर आंसू भरी रात को मुस्कान में बदल देता है।

इसमें यह भाव भी है कि स्वार्थ से भरे इस संसार में श्रीकृष्णजी ही सच्चा सहारा हैं। वह हर उस दिल का आधार है, जो प्रेम और श्रद्धा से उन्हें पुकारता है। जैसे कोई हारा हुआ विद्यार्थी अपने गुरु की एक प्रेरणा से फिर से उठ खड़ा होता है, वैसे ही श्रीकृष्णजी अपने भक्त को हिम्मत देते हैं, उसका मान बढ़ाते हैं। वह हारे हुए को जिताने वाला, टूटे हुए को जोड़ने वाला है। यह विश्वास हर पंक्ति में झलकता है कि वह अपने भक्त की हर पुकार सुनता है।

BHAJAN : Dukh Ka Badal Jab Jab Mujh Par Cha Gya
SINGER : Rajni Rajasthani 

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