थोड़ा कर तू विचार,
बाबा सुन ले पुकार,
सारी दुनिया ने लूटा मुझको,
मैं तो गया हार,
सुनले पुकार मुस्कुराऊ,
या ख़ाली लौट जाऊ ।
जिनसे बड़ी उम्मीद थी मुझको,
वो ही अकेला छोड़ गए,
गैरों की क्या बात करू,
अपने भी रिश्ता तोड़ गये
मुझसे रूठी बहार हुए दुशमन हज़ार,
मेरी खुशियों को जैसे कोई डसने को तैयार,
सुनले पुकार मुस्कुराऊ,
या ख़ाली लौट जाऊ ।
तू तो दयालु है रे बाबा,
फिर तू क्यों चुप बैठा है,
जिसको देखे वो ही तुझे.
हारे का सहारा कहता है,
बहे अंसुवन की धार करे तुझसे पुकार,
तूने लाखो को तारा मेरा करदे बेडा पार,
सुनले पुकार मुस्कुराऊ,
या ख़ाली लौट जाऊ ।
चौकठ पे तेरे बैठ के बाबा ,
आराधन में करता हूँ,
गाता रहूँ गुण जन्म जन्म तक,
तुझसे वादा करता हूँ,
मुझको देदे थोड़ा प्यार विनती करले स्वीकार,
मेरी बगिया में लहरी आये तुझसे ही बहार,
सुनले पुकार मुस्कुराऊ,
या ख़ाली लौट जाऊ ।
बाबा सुन ले पुकार,
सारी दुनिया ने लूटा मुझको,
मैं तो गया हार,
सुनले पुकार मुस्कुराऊ,
या ख़ाली लौट जाऊ ।
जिनसे बड़ी उम्मीद थी मुझको,
वो ही अकेला छोड़ गए,
गैरों की क्या बात करू,
अपने भी रिश्ता तोड़ गये
मुझसे रूठी बहार हुए दुशमन हज़ार,
मेरी खुशियों को जैसे कोई डसने को तैयार,
सुनले पुकार मुस्कुराऊ,
या ख़ाली लौट जाऊ ।
तू तो दयालु है रे बाबा,
फिर तू क्यों चुप बैठा है,
जिसको देखे वो ही तुझे.
हारे का सहारा कहता है,
बहे अंसुवन की धार करे तुझसे पुकार,
तूने लाखो को तारा मेरा करदे बेडा पार,
सुनले पुकार मुस्कुराऊ,
या ख़ाली लौट जाऊ ।
चौकठ पे तेरे बैठ के बाबा ,
आराधन में करता हूँ,
गाता रहूँ गुण जन्म जन्म तक,
तुझसे वादा करता हूँ,
मुझको देदे थोड़ा प्यार विनती करले स्वीकार,
मेरी बगिया में लहरी आये तुझसे ही बहार,
सुनले पुकार मुस्कुराऊ,
या ख़ाली लौट जाऊ ।