के उपर ही टलती, इज़्ज़त की ख़ाता हूँ, मैं आनंद पता हूँ, क्यूँ तरसूं खुशियों को, मैं जो खाटू में आता हूँ, हर पल मुस्काता हूं।
छुटा रोना धोना, मैं हँसके जीता हूँ, सुख का झरना बहता, अमृत सा पीता हूँ, अब ना मैं लजाता हूँ,
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
जो मांगू वो पाता हूँ, क्यूँ तरसूं खुशियों को, मैं जो खाटू में आता हूँ, हर पल मुस्काता हूं।
जो खाटू में आए, वो सदा ही मुस्काये, फिर इसकी मोरछड़ी, उसके सिर लहराए, योगी बतलता हूँ, इसका दिया ख़ाता हूँ, क्यूँ तरसूं खुशियों को,
मैं जो खाटू में आता हूँ, हर पल मुस्काता हूं।
हर पल मुस्काता हूँ, मैं मौज उड़ाता हूँ, क्यों तरसूं खुशियों को, मैं जो खाटू में आता हूँ, हर पल मुस्काता हूं।
मैं जो खाटू में आता हूँ, हर पल मुस्काता हूं।
मैं जो खाटू में आता हूँ | | Main Jo Khatu Mein Aatu Hain | by Sheetal Prajapati | Lyrical HD
इस भजन में संत कबीर दास जी ने ईश्वर की प्राप्ति के लिए भक्ति और ज्ञान के महत्व को बताया है। वे कहते हैं कि ईश्वर एक हैं, और वे सभी में मौजूद हैं। हमें केवल भक्ति और ज्ञान के माध्यम से ही उन्हें प्राप्त किया जा सकता है। भजन के पहले दो लाइन में संत कबीर दास जी कहते हैं कि ईश्वर एक हैं, और वे सभी में मौजूद हैं। वे कहते हैं कि ईश्वर को किसी मंदिर या मूर्ति में नहीं खोजना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने मन और आत्मा में खोजना चाहिए। आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं