हर पल मुस्काता हूँ मैं मौज उड़ाता हूँ

हर पल मुस्काता हूँ मैं मौज उड़ाता हूँ लिरिक्स

 
हर पल मुस्काता हूँ मैं मौज उड़ाता हूँ लिरिक्स Har Par Muskata Hu Lyrics

हर पल मुस्काता हूँ,
मैं मौज उड़ाता हूँ,
क्यों तरसूं खुशियों को,
मैं जो खाटू में आता हूँ,
हर पल मुस्काता हूं।

किस्मत मेरे पीछे,
गुलाम सी चलती,
मेरी सारी बालाए उपर,
के उपर ही टलती,
इज़्ज़त की ख़ाता हूँ,
मैं आनंद पता हूँ,
क्यूँ तरसूं खुशियों को,
मैं जो खाटू में आता हूँ,
हर पल मुस्काता हूं।

छुटा रोना धोना,
मैं हँसके जीता हूँ,
सुख का झरना बहता,
अमृत सा पीता हूँ,
अब ना मैं लजाता हूँ,
जो मांगू वो पाता हूँ,
क्यूँ तरसूं खुशियों को,
मैं जो खाटू में आता हूँ,
हर पल मुस्काता हूं।

जो खाटू में आए,
वो सदा ही मुस्काये,
फिर इसकी मोरछड़ी,
उसके सिर लहराए,
योगी बतलता हूँ,
इसका दिया ख़ाता हूँ,
क्यूँ तरसूं खुशियों को,
मैं जो खाटू में आता हूँ,
हर पल मुस्काता हूं।

हर पल मुस्काता हूँ,
मैं मौज उड़ाता हूँ,
क्यों तरसूं खुशियों को,
मैं जो खाटू में आता हूँ,
हर पल मुस्काता हूं।

मैं जो खाटू में आता हूँ,
हर पल मुस्काता हूं।


मैं जो खाटू में आता हूँ | | Main Jo Khatu Mein Aatu Hain | by Sheetal Prajapati | Lyrical HD

इस भजन में संत कबीर दास जी ने ईश्वर की प्राप्ति के लिए भक्ति और ज्ञान के महत्व को बताया है। वे कहते हैं कि ईश्वर एक हैं, और वे सभी में मौजूद हैं। हमें केवल भक्ति और ज्ञान के माध्यम से ही उन्हें प्राप्त किया जा सकता है। भजन के पहले दो लाइन में संत कबीर दास जी कहते हैं कि ईश्वर एक हैं, और वे सभी में मौजूद हैं। वे कहते हैं कि ईश्वर को किसी मंदिर या मूर्ति में नहीं खोजना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने मन और आत्मा में खोजना चाहिए।
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