कुण जाणै बाबोजी म्हानै अइयाँ छोड़ चल्या ज्यासी भजन
कुण जाणै बाबोजी म्हानै, अइयाँ छोड़ चल्या ज्यासी
ऐसा संत कोई बिरला ई होवै, बाबोजी याद घणा आसी
बालपणे में संत बण गया, टांई फतेहपुर पूजवायो
भोळानाथजी बड़ा दयालु, बऊ धाम थानै सम्भळायो
श्री रतिनाथ.. नाम थे पायो..
बऊधाम बणगी काशी...
कुण जाणै
थारा परचा थारी चर्चा, सारी दुनिया आज करै
शेखावाटी संत शिरोमणि, सैं कै दिल पर राज करै
ॐ शिव गोरक्ष... ॐ शिव गोरक्ष..
जगमें गुंजतो ही जासी..
कुण जाणै
नाथ अनाथ का थे ही साथी, थे ही गुरु पितु मायत हो
भेदभाव थारै दर पे ना देख्यो, थे भग्तां का सहायक हो
कई आया और... कई आवैगा..
थारै जिस्यो कोई कद आसी..
कुण जाणै
थारी किरपा राखज्यो बाबा, भग्तां को मंगळ होवै
थारी समाधि कै दर्शण सै, जीवन म्हारो सफल होवै
अम्बरीष कहवै... मनसे पुकारो..
बाबोजी नेड़े दिख ज्यासी..
कुण जाणै
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