थारे सिर पर मुकूट है प्यारो बापजी भजन
थारे सिर पर मुकूट है प्यारो बापजी भजन
कान में कुडंल, गले वैजयंती,हाथ भालो सोवै,
थारे सिर पर मुकुट है प्यारो,
बापजी भक्ता रो मन सोवै।
मास भादवो आयो,
पैदल सब नर नारी जावे है,
मन माई बोले खम्मा खम्मा,
थारी जयजयकार लगावे है
जो ले इच्छा मन मे आवे,
सब री पुरी होवै,
थारे सिर पर मुकुट है प्यारो,
बापजी भक्ता रो मन सोवै।
आंधलिया ने आख्या देवो,
पागलिया ने पाव जी
दुखिया रा दुख दुर करो थे,
सुख री कर दो छाँव जी
राम सरोवर रो पाणी,
सगळा ही पाप धोवै,
थारे सिर पर मुकुट है प्यारो,
बापजी भक्ता रो मन सोवै।
मरूधर री धरती में आया,
रूणिचो पुजवायो है,
खाजुवाले रे मामराज थारो,
प्यारो भजन बनायो है,
महक मीर ने थारो आसरो,
थारी बाटा जोवै,
थारे सिर पर मुकुट है प्यारो,
बापजी भक्ता रो मन सोवै।
कान में कुडंल, गले वैजयंती,
हाथ भालो सोवै,
थारे सिर पर मुकुट है प्यारो,
बापजी भक्ता रो मन सोवै।