मन्दिर मे रहते हो भगवन भजन लिरिक्स मृदुल कृष्ण शास्त्री
Saroj Jangir
मन्दिर मे रहते हो भगवन भजन लिरिक्स मृदुल कृष्ण शास्त्री
मन्दिर मे रहते हो भगवन मन्दिर मे रहते हो भगवन कभी बाहर भी आया जाया करो कभी बाहर भी आया जाया करो मैं रोज़ तेरे दर आता हूँ मैं रोज़ तेरे दर आता हूँ
कभी तुम भी मेरे घर आया करो कभी तुम भी मेरे घर आया करो मन्दिर मे रहते हो भगवन मन्दिर मे रहते हो भगवन
मै तेरे दर का जोगी हूँ मै तेरे दर का जोगी हूँ हुआ तेरे बिना वियोगी हूँ हुआ तेरे बिना वियोगी हूँ तेरी याद मे आसूं बहते हैं तेरी याद मे आसूं बहते हैं इतना ना मुझे तडपाया करो इतना ना मुझे तडपाया करो मैं रोज़ तेरे दर आता हूँ मैं रोज़ तेरे दर आता हूँ कभी तुम भी मेरे घर आया करो कभी तुम भी मेरे घर आया करो मन्दिर मे रहते हो भगवन मन्दिर मे रहते हो भगवन
आते क्यों मेरे नजदीक नहीं आते क्यों मेरे नजदीक नहीं इतना तो सताना ठीक नहीं इतना तो सताना ठीक नहीं मैं दिल से तुमको चाहता हूँ मैं दिल से तुमको चाहता हूँ कभी तुम भी मुझे अपनाया करो कभी तुम भी मुझे अपनाया करो मैं रोज़ तेरे दर आता हूँ मैं रोज़ तेरे दर आता हूँ कभी तुम भी मेरे घर आया करो कभी तुम भी मेरे घर आया करो मन्दिर मे रहते हो भगवन मन्दिर मे रहते हो भगवन
मैं दीन हूँ, दीनानाथ हो तुम मैं दीन हूँ, दीनानाथ हो तुम सुख़ दुःख मे सब के साथ हो तुम सुख़ दुःख मे सब के साथ हो तुम मिलने की चाह खामोश करें मिलने की चाह खामोश करें कभी तुम भी मिला-मिलाया करो कभी तुम भी मिला-मिलाया करो मैं रोज़ तेरे दर आता हूँ मैं रोज़ तेरे दर आता हूँ कभी तुम भी मेरे घर आया करो कभी तुम भी मेरे घर आया करो मन्दिर मे रहते हो भगवन मन्दिर मे रहते हो भगवन मन्दिर मे रहते हो भगवन
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