आ हृदय के मन्दिर में मेरे सतगुरु आजा लिरिक्स Aa Hridya Ke Mandir Me Lyrics

आ हृदय के मन्दिर में मेरे सतगुरु आजा लिरिक्स Aa Hridya Ke Mandir Me Lyrics, Satguru Dev Bhajan

आ हृदय के मन्दिर में,
मेरे सतगुरु आजा,
आँखों से उतर कर तु,
मेरे दिल में समाजा,
आ हृदय के मन्दिर में,
मेरे सतगुरु आजा।

पापों का अन्धेरा है,
मेरे हृदय के अन्दर,
अन्धकार भी इतना है कि,
दिन रात बराबर,
ऐ चाँद मेरे चाँदनी,
अपनी फैला जा,
आ हृदय के मन्दिर में,
मेरे सतगुरु आजा।

इस हृदय में प्रभु प्रेम नहीं,
भक्ति नहीं है,
इक शून्य सा है,
इसके सिवा कुछ भी नहीं है,
एकान्त निवासी यहां,
एकान्त में आजा,
आ हृदय के मन्दिर में,
मेरे सतगुरु आजा।

जब देख लें इस हृदय में,
तस्वीर तुम्हारी,
बिगड़ी हुई बन जाये,
यह तक़दीर हमारी,
रौशन मेरे तारिक,
मुकधार को बना जा,
आ हृदय के मन्दिर में,
मेरे सतगुरु आजा।

तू आन बेस दिल में तो,
मिट जायें सभी गम,
दासों का दास तेरी,
गुलामी का भरे दम,
ऐ नाथ अनाथों के,
मूझे भी अपनाजा,
आ हृदय के मन्दिर में,
मेरे सतगुरु आजा।

आ हृदय के मन्दिर में,
मेरे सतगुरु आजा,
आँखों से उतर कर तु,
मेरे दिल में समाजा,
आ हृदय के मन्दिर में,
मेरे सतगुरु आजा।
आ हृदय के मन्दिर में,
मेरे सतगुरु आजा,
आँखों से उतर कर तु,
मेरे दिल में समाजा,
आ हृदय के मन्दिर में,
मेरे सतगुरु आजा।



आ हिरदय के मन्दिर में मेरे सतगुरु आ जा। आँखों से उत्तर कर तु मेरे दिल में समां जा।

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