मेरे श्याम धणी मैं गरीब तेरा भजन

मेरे श्याम धणी मैं गरीब तेरा भजन

मेरे श्याम धणी मैं गरीब तेरा,
ये बता दे ये बता दे ये बता दे,
कब बदलेगा नसीब मेरा,
मेरे श्याम धणी मैं गरीब तेरा।

खाटू नरेश प्यारे तू दाता मैं भिखारी,
रिश्ता मेरा है तुझसे तू देव मैं पुजारी,
मैं मानता हु तुझको और बंदगी में तू है,
तू बता दे श्याम बेबसी मेरी ज़िंदगी में क्यों है,
मेरे श्याम धणी मैं गरीब तेरा।

मैं सफर में ज़िंदगी के हर एक कदम पे हारा,
मैं बेसहारा सांवरे कोई नहीं सहारा,
हारे का तू सहारा तेरा सहारा होया,
मैं हार कर जहां में तेरे द्वार आकर रोया,
मेरे श्याम धणी मैं गरीब तेरा।

कलयुग में ऐसा देवा बिन मांगे सब कुछ देता,
दया की भिक्षा मांगे लहरी,
अब क्यों न श्याम देता,
जोहरी तू सच्चा सँवारे तकदीर मेरी मांज दे,
सबको नवाजे श्याम तू मुझको भी नवाज दे,
मेरे श्याम धणी मैं गरीब तेरा।


आप आंसू रोक पाएंगे इसे सुनकर Heart Touching Song | MAIN GARIB TERA | Deva Bhai Muradabadi 

Album : Tumne Lakho Ki Bigadi Bnadi
Bhajan : Shyam Dhani Me Garib Tera
Singer : Deva Muradabadi 9837337575
Music : Sourabh Kohli
Artist : Pawan
Writer : Pappu Lahri Muradabadi

श्याम धणी का दरबार वह पवित्र आश्रय है, जहाँ हर गरीब, बेसहारा और टूटा हुआ हृदय अपनी पुकार लेकर पहुँचता है, और वहाँ उसे न केवल सहारा मिलता है, बल्कि उसका जीवन दया और कृपा से भर जाता है। भक्त का यह विश्वास कि श्याम उसका सच्चा दाता है और वह स्वयं उनका पुजारी, उसकी भक्ति को और गहरा करता है। यह संसार भले ही उसे हर कदम पर हार और निराशा दे, पर श्याम की शरण में वह अपने सारे दुखों को भूलकर एक नई आशा पाता है। श्याम बाबा का वह करुणामय स्वरूप हर भक्त की बेबसी को समझता है और उसे अपने प्रेम की छाँव में आश्रय देता है। यह भक्ति का वह बंधन है, जो भक्त को यह विश्वास दिलाता है कि उसका नसीब बदलने की शक्ति केवल श्याम के हाथों में है, और उनकी एक झलक मात्र से जीवन की सारी तकलीफें मिट सकती हैं।

"मेरे श्याम धणी" एक अत्यंत भावपूर्ण और श्रद्धापूर्ण संबोधन है, जो खाटू श्याम जी के भक्त अपने आराध्य देवता के लिए उपयोग करते हैं। यहाँ "श्याम" भगवान श्रीकृष्ण के खाटू श्याम स्वरूप को दर्शाता है, जबकि "धणी" का अर्थ है स्वामी, मालिक या पालनहार। इस संबोधन में भक्त का पूर्ण समर्पण और विश्वास झलकता है कि श्याम बाबा उनके जीवन के हर सुख-दुख, हर समस्या और हर मनोकामना के सच्चे रक्षक और सहारा हैं। भक्त यह मानता है कि श्याम बाबा ही उनके जीवन के मार्गदर्शक हैं, जो हर परिस्थिति में उनका साथ देते हैं और उनकी रक्षा करते हैं। "मेरे श्याम धणी" शब्द का प्रयोग भजनों, कीर्तनों और प्रार्थनाओं में होता है, जिससे भक्तों के हृदय में गहरी भक्ति और प्रेम का संचार होता है। यह संबोधन कलियुग में श्याम बाबा को "हारे का सहारा" मानने वाले भक्तों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है, जो अपने जीवन की हर कठिनाई को श्याम बाबा के चरणों में समर्पित कर देते हैं। इस प्रकार, "मेरे श्याम धणी" केवल एक नाम नहीं, बल्कि भक्त और भगवान के बीच के अटूट प्रेम, समर्पण और आध्यात्मिक संबंध का अभिव्यक्ति है।


शास्त्रों में कहा गया है कि पूजा में यदि विधि या मंत्र की कोई कमी भी रह जाए, फिर भी अगर आरती सच्चे मन से की जाए तो भगवान उस पूजा को पूर्ण रूप से स्वीकार करते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं। आरती पूजा का अनिवार्य हिस्सा मानी जाती है और बिना आरती के पूजा अधूरी मानी जाती है। पूजा के बाद आरती करने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भगवान की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

पूजा या आरती करते समय अपने मन में अपनी विशेष कामना को स्पष्ट रूप से रखें और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान का ध्यान करें। अगर आपको मंत्र या विधि का संपूर्ण ज्ञान नहीं है, तो भी केवल आरती और सच्ची प्रार्थना से भी आपकी इच्छाएँ पूरी हो सकती हैं। आरती के बाद भगवान से अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना करें और अंत में क्षमा याचना भी करें। रोज़ाना प्रातः या संध्या आरती करने से और पूजा के समय मन को एकाग्र कर प्रार्थना करने से आपकी मनोकामना पूरी होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

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