नवरंगी लाल बिहारी हो तेरे द्वै बाप द्वै महतारी
श्री कृष्णा को बिहारी इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे ब्रज में रहते थे, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा और वृंदावन जिलों में स्थित है। ब्रज को बिहारी या मधुबन के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए, श्री कृष्ण को बिहारी कहा जाता है क्योंकि वे बिहारी क्षेत्र में रहते थे। श्री कृष्णा को बिहारी कहने के पीछे एक और कारण यह है कि वे अक्सर ब्रज की गलियों में घूमते थे और लोगों को आशीर्वाद देते थे। वे अक्सर रंगों में सजे रहते थे और लोगों को रंग लगाते थे। इस प्रकार, वे लोगों को प्रेम, खुशी और आनंद का संदेश देते थे।

नवरंगी लाल बिहारी हो तेरे
द्वै बाप द्वै महतारी
नवरंगीले नवल बिहारी हम
दैंहि कहा कही गारी
द्वै बाप सबै जग जाने
सोतो वेद पुरान बखाने
वसुदेव देवकी जाये
सो तो नंदमहर के आये
हम बरसानेकी नारी
तुम्हें दें दें हँसि गारी
तेरी भूआ कुंति रानी
सो तो सूरज देखी लुभानी
तेरी बहन सुभद्रा क्वारी
सो तो अर्जुन संग सिधारी
तेरी द्रुपदसुता सी भाभी
सो तो पांच पुरुष मिलि लाभी
हम जाने जू हम जानै
तुम उखल, हाथ बँधाने
हम जानी बात पहिचानी.
तुम कब ते दधि दानी
तेरी माया ने सब जग ढूंढ्यो
कोई छोड्यो न बारो बूढ्यो
जन कृष्णा गारी गावे
तब हाथ थार कों लावे
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नवरंगी लाल बिहारी हो तेरे द्वै बाप द्वै महतारी

नवरंगी लाल बिहारी हो तेरे
द्वै बाप द्वै महतारी
नवरंगीले नवल बिहारी हम
दैंहि कहा कही गारी
द्वै बाप सबै जग जाने
सोतो वेद पुरान बखाने
वसुदेव देवकी जाये
सो तो नंदमहर के आये
हम बरसानेकी नारी
तुम्हें दें दें हँसि गारी
तेरी भूआ कुंति रानी
सो तो सूरज देखी लुभानी
तेरी बहन सुभद्रा क्वारी
सो तो अर्जुन संग सिधारी
तेरी द्रुपदसुता सी भाभी
सो तो पांच पुरुष मिलि लाभी
हम जाने जू हम जानै
तुम उखल, हाथ बँधाने
हम जानी बात पहिचानी.
तुम कब ते दधि दानी
तेरी माया ने सब जग ढूंढ्यो
कोई छोड्यो न बारो बूढ्यो
जन कृष्णा गारी गावे
तब हाथ थार कों लावे
नवरंगी लाल बिहारी हो तेरे
द्वै बाप द्वै महतारी
नवरंगीले नवल बिहारी हम
दैंहि कहा कही गारी
नवरंगी लाल बिहारी लिरिक्स Navrangi lal Bihari Lyrics