मुखड़ा देख ले प्राणी, जरा दर्पण में हो, देख ले कितना पुण्य है कितना, पाप तेरे जीवन में, देख ले दर्पण में, मुखडा देख ले प्राणी जरा दर्पण में।
कभी तो पल भर सोच ले प्राणी, क्या है तेरी करम कहानी, पता लगा ले,
पता लगा ले पड़े हैं कितने, दाग तेरे दामन में देख ले दर्पण में, मुखडा देख ले प्राणी जरा दर्पण में।
ख़ुद को धोखा दे मत बन्दे, अच्छे ना होते कपट के धंधे, सदा न चलता, सदा न चलता किसी का नाटक, दुनिया के आँगन में, देख ले दर्पण में, मुखड़ा देख ले प्राणी जरा दर्पण में।
Mukhda Dekhle Prani Zara Darpan me - Do Behnen - Pradeep.mp4 मुखड़ा देख ले, देख ले फिल्म - दो बहनें (1959) स्वर - कवि प्रदीप गीतकार - कवि प्रदीप संगीत - वसंत देसाई Mukhda Dekh Le Prani Jara Darpan Me Ho Dekh Le Kitna Punya Hai Kitna Paap Tere Jeevan Me Dekh Le Darpan Me.... Mukhda Dekh Le Prani Jara Darpan Me Kabhi To Pal Bhar Soch Le Prani Kya Hai Teri Karam Kahani..
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Kabhi To Pal Bhar Soch Le Prani Kya Hai Teri Karam Kahani.. Pata Laga Le... Pata Laga Le Pade Hai Kitne Daag Tere Daaman Me Dekh Le Darpan Me.... Mukhda Dekh Le Prani Jara Darpan Me Khud Ko Dhokha De Mat Bande... Achhe Na Hote Kapat Ke Dhandhe.. Khud Ko Dhokha De Mat Bande... Achhe Na Hote Kapat Ke Dhandhe.. Sada Na Chalta.... Sada Na Chalta Kisi Ka Natak Duniya Ke Aangan Me.. Dekh Le Darpan Me.... Mukhda Dekh Le Prani Jara Darpan Me Ho Dekh Le Kitna Punya Hai Kitna Paap Tere Jeevan Me. Dekh Le Darpan Me. Mukhda Dekh Le Prani Starring Shyama, Rajendra Kumar, Chand Usmani Directed by Kedar Kapoor Music by Vasant Desai
मुखड़ा देख ले प्राणी एक हिंदी भजन है जो व्यक्ति को अपने जीवन के पुण्य और पापों का आकलन करने के लिए प्रेरित करता है। गीत का मुख्य पात्र व्यक्ति को दर्पण में देखने और अपने चेहरे को देखने के लिए कहता है। वह व्यक्ति को यह देखने के लिए कहता है कि उसके चेहरे पर कितने पुण्य और पाप हैं। गीत का पहला छंद व्यक्ति को दर्पण में देखने और अपने जीवन के पुण्य और पापों का आकलन करने के लिए कहता है। वह व्यक्ति को यह देखने के लिए कहता है कि उसके चेहरे पर कितने पुण्य और पाप हैं।