फूलन कि मंडली मनोहर बैठे लिरिक्स Phulan Ki Mandali Lyrics

श्री कृष्ण गोवर्धन धारी हैं। यह शब्द "गोवर्धन" और "धारी" से बना है, जिसका अर्थ है "गोवर्धन पर्वत को धारण करने वाला"। कृष्ण को अक्सर गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाए हुए चित्रित किया जाता है। यह कहानी वृंदावन में कृष्ण के बचपन के दिनों से जुड़ी है। एक बार, इंद्र ने अपने अहंकार के कारण इंद्रधनुष से वृंदावन में वर्षा शुरू कर दी। कृष्ण ने गोपियों और गायों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया। इंद्र ने कई दिनों तक वर्षा की, लेकिन कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नहीं गिरने दिया। अंत में, इंद्र को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने कृष्ण से माफी मांगी।

फूलन कि मंडली मनोहर बैठे लिरिक्स Phulan Ki Mandali Lyrics, Phulan Ki Mandali Manohar Baithe

फूलन कि मंडली मनोहर बैठे लिरिक्स Phulan Ki Mandali Lyrics, Phulan Ki Mandali Manohar Baithe
 
फूलन कि मंडली मनोहर बैठे
जहाँ रसिक पिय प्यारी
फूलन के बागे ओर भूषन फूलन के
फूलन ही की पाग संवारी

ढिंग फूली वृषभान नंदिनी
तैसिये फूल रही उजियारी
फूलन के झूमका झरोखा,
बहु फूलनकी रची अटारी|

फूलेसखा चकोर निहारत बीच
चंद मिल किरण किरण सवारी
चतुर्भुजदास मुदित सहचिरि
फूले लाल गोवर्धनधारी

फूलन कि मंडली मनोहर बैठे
जहाँ रसिक पिय प्यारी
फूलन के बागे ओर भूषन फूलन के
फूलन ही की पाग संवारी
भगवद गीता एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है जिसे हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक ग्रंथों में से एक माना जाता है। यह भगवान कृष्ण और राजकुमार अर्जुन के बीच एक वार्तालाप है जो कुरुक्षेत्र के युद्धक्षेत्र में एक महान युद्ध की शुरुआत से ठीक पहले होता है। भगवद गीता की शिक्षा धर्म की अवधारणा पर केंद्रित है, जिसका अनुवाद जीवन में किसी के कर्तव्य या उद्देश्य के रूप में किया जा सकता है।
भगवद गीता की कुछ प्रमुख शिक्षाओं में शामिल हैं:
  1. कर्म का महत्व: गीता उन कर्मों के परिणाम या फलों की आसक्ति के बिना, किसी के कर्तव्य या जिम्मेदारियों को निभाने के महत्व पर जोर देती है।
  2. भक्ति का मार्ग: गीता सिखाती है कि भगवान की भक्ति आत्म-साक्षात्कार और मुक्ति का सबसे उत्तम मार्ग है।
  3. ज्ञान का मार्ग: गीता बताती है कि ज्ञान का मार्ग मुक्ति और परमात्मा से मिलन का एक साधन है।
  4. स्वयं की प्रकृति: गीता सिखाती है कि सच्चा आत्म शाश्वत, अपरिवर्तनशील और भौतिक शरीर से अलग है।
  5. वैराग्य का महत्व: गीता आंतरिक शांति और मुक्ति प्राप्त करने के साधन के रूप में भौतिक इच्छाओं और आसक्तियों से वैराग्य के महत्व पर जोर देती है। ये भगवद गीता की कई शिक्षाओं में से कुछ ही हैं। इसे हिंदू दर्शन का एक व्यापक मार्गदर्शक और दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत माना जाता है।


Phulan Ki Mandali Manohar Baithe

इस मधुर और लोकप्रिय भजन से सबंधित अन्य मिलते जुलते अन्य भजन निचे दिए गए हैं जो आपको अवश्य ही पसंद आयेगे, कृपया करके इन भजनों (Bhajan With Lyrics in Text) को भी देखें.
गोवर्धनधारी श्री कृष्ण जी का एक नाम है। यह शब्द "गोवर्धन" और "धारी" से बना है, जिसका अर्थ है "गोवर्धन पर्वत को धारण करने वाला"। कृष्ण को अक्सर गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाए हुए चित्रित किया जाता है। यह कहानी वृंदावन में कृष्ण के बचपन के दिनों से जुड़ी है।
+

एक टिप्पणी भेजें