सलोने सांवरे मोहन तुम्हे मन भजन

सलोने सांवरे मोहन तुम्हे मन याद करता है भजन

 
सलोने सांवरे मोहन तुम्हे मन याद करता है लिरिक्स Saloune Sanware Mohan Lyrics, Krishna Bhajan

सलोने सांवरे मोहन तुम्हे मन याद करता है,
चले आ जहा हो तुमें मिलने को मन तरसता है,

कभी हम साथ खेले थे यही यमुना किनारे में
कभी झूले थे संग तेरे वो सावन के फुहारों में,
वही सावन वही झूले ये मधुवन याद करता है,
सलोने सांवरे मोहन तुम्हे मन याद करता है,
चले आ जहा हो तुमें मिलने को मन तरसता है। 

मेरे मन का चैन छीना है तेरी मुरली की तानों ने,
बहुत ढूँढा मिले न तुम मिलन के हर ठिकानो में,
वही पनघट वही राहे ये कदम याद करता है,
सलोने सांवरे मोहन तुम्हे मन याद करता है,
चले आ जहा हो तुमें मिलने को मन तरसता है। 

इंद्र बरसा था बन बादल, बचाया सबको था तुमने,
मेरे बरसे जो ये नैना तरस न खाया क्यों तुमने,
मेरे आंसू मेरी धड़कन ये दिल फ़रियाद करता है,
सलोने सांवरे मोहन तुम्हे मन याद करता है,
चले आ जहा हो तुमें मिलने को मन तरसता है। 

सुनके विनती ये रजनी की रोशन चाँद सितारे हैं,
तेरे बिन श्याम मधुमन के फीके ये नज़ारे हैं,
सुना है मन का आंगन भी निरंजन याद करता है,
सलोने सांवरे मोहन तुम्हे मन याद करता है,
चले आ जहा हो तुमें मिलने को मन तरसता है। 
 
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