श्री गोवर्धन महाराज भजन लिरिक्स Shri Govardhan Maharaj Lyrics Devakinandan Maharaj, Krishna Bhajan by देवकीनंदन जी भजन |
श्री गोवर्धन महाराज महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो।।
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार, ओ धार,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,
श्री गोंवर्धन महाराज महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो।।
तेरे कानन कुंडल साज रहे,
तेरे कानन कुंडल साज रहे,
ठोड़ी पे हिरा लाल, ओ लाल,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,
श्री गोंवर्धन महाराज महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो।।
तेरे गले में कंठा सोने को,
तेरे गले में कंठा सोने को,
तेरी झांकी बनी विशाल, विशाल,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,
श्री गोंवर्धन महाराज महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो।।
तेरी सात कोस की परिक्रमा,
तेरी सात कोस की परिक्रमा,
और चकलेश्वर विश्राम, विश्राम,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,
श्री गोंवर्धन महाराज महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो।।
श्री गोवर्धन महाराज महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो।।
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो।।
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार, ओ धार,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,
श्री गोंवर्धन महाराज महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो।।
तेरे कानन कुंडल साज रहे,
तेरे कानन कुंडल साज रहे,
ठोड़ी पे हिरा लाल, ओ लाल,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,
श्री गोंवर्धन महाराज महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो।।
तेरे गले में कंठा सोने को,
तेरे गले में कंठा सोने को,
तेरी झांकी बनी विशाल, विशाल,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,
श्री गोंवर्धन महाराज महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो।।
तेरी सात कोस की परिक्रमा,
तेरी सात कोस की परिक्रमा,
और चकलेश्वर विश्राम, विश्राम,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,
श्री गोंवर्धन महाराज महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो।।
श्री गोवर्धन महाराज महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो।।