वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा लिरिक्स Waha Phir Chandani Ko Koun Puchhega Lyrics


Latest Bhajan Lyrics

वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा लिरिक्स Waha Phir Chandani Ko Koun Puchhega Lyrics, Devotional Bhajan Lyrics Hindi

 चाँदनी को कौन पूछेगा,
जहां तुम हो वहाँ फिर,
चाँदनी को कौन पूछेगा,
वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा,
तेरा दर हो तो,
जन्नत की गली को कौन पूछेगा।
लेकिन एक प्रार्थना है प्यारे
फरिस्तो को ना बतलाना-2
कही ये राहें गुजर अपनी,

फरिस्तो को यानी देवताओं को,
और जो साधन संपन्न जीव है, चाहे
ओ ज्ञानमार्गी हो या कर्मयोगी है,
प्यारे ये नाम का रास्ता,
ये समर्पण की राह,
हर किसीको मत बतला देना।
वरना जो साधन संपन्न है देखेंगे
की बिना कुछ किये ही इश्वर की
अनंत कृपा बरस रही है।
बहुत मुमकिन है कि
ओ अपना मार्ग छोड़ के
इस मार्ग पर आ जायें,
और इस मार्ग पर इतनी भीड़ हो जाये
की हमारे जैसे तो आये गये हो जाय।
तेरी रहमत ने दिया जो गुनाहगारो का साथ है,
तो बेगुनाह भी चिल्ला उठे कि
हम भी गुनाहगारो में है।

कि प्रयास क्यों करें,
प्रयत्न क्यों करें।
वे भी सब आ जायेंगे
कृपा के मार्ग पर,
तेरे नाम के मार्ग पर,
समर्पण के मार्ग पर।
इसलिये प्यारे...
फरिस्तो को ना बतलाना,
कही ये राहें गुजर अपनी,
अगर बता दिया तो

गुनाहगारो को इस दर पे,
भला फिर कौन पूछेगा-2
जहां तुम हो वहाँ फिर
चाँदनी को कौन पूछेगा,
तेरा दर हो तो जन्नत की
गली को कौन पूछेगा।
फरिस्तो को न बतलाना-2
कहीं ये राहे गुजर अपनी,
गुनाहगारो को इस दर पे,
भला फिर कौन पूछेगा-2
केशवाय, माधवाय, हे कृष्ण मधुसूदनाय-4
हे कृष्ण मधुसूदनाय-6
केशवाय, माधवाय, हे कृष्ण मधुसूदनाय-2
हे कृष्ण मधुसूदनाय-6
केशवाय, माधवाय, हे कृष्ण मधुसूदनाय-2
 

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url