श्याम जिमावै जाटणी घुंघट की ओट मै

श्याम जिमावै जाटणी घुंघट की ओट मै

नरम नरम लायी घाल गरम,
कान्हा माखन रोट मैं,
श्याम जिमावै जाटणी,
घुंघट की ओट मै।

सांवरिया करूं ओट,
तन मन तेरा जादू चढ़ रहया सै
घणां करू दीदार मेरा,
दीवानापन बढ़ रहया सै
दिल होजा सै घायल,
मेरा नजरां की चोट मै,
श्याम जिमावै जाटणी,
घुंघट की ओट मै।

डर लग गया मन्ने सांवरे,
कदे मीरा ना हो जाऊं मैं
छोड़ चौधरी बालका नै,
तेरे महँ खो जाऊं मैं
मोहनी मोहनी सूरत तेरी,
कर दे खोट मै,
श्याम जिमावै जाटणी,
घुंघट की ओट मै।

इस ढाला का रिश्ता,
राखू ना कच्चा ना पक्का हो,
निभजा आखिरी सांस तलक,
जो ना रोला ना रूकका हो
सागर धरै नित्न ध्यान तेरा,
तुम रहियो सपोर्ट मै,
श्याम जिमावै जाटणी,
घुंघट की ओट मै।

नरम नरम लायी घाल गरम,
कान्हा माखन रोट मैं,
श्याम जिमावै जाटणी,
घुंघट की ओट मै।
 
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