दर्शन दे छाड़ (ठाड़) दरबार लिरिक्स Darshan De Tharh Darbar Lyrics

दर्शन दे छाड़ (ठाड़) दरबार लिरिक्स Darshan De Tharh Darbar Lyrics Kabir Bhajan Lyrics Hindi 

 
दर्शन दे छाड़ (ठाड़) दरबार लिरिक्स Darshan De Tharh Darbar Lyrics Kabir Bhajan Lyrics Hindi

दर्शन दे छाड़ दरबार
तुझ बिन सुधी कौन ले हमार

तुम धन दानी, उदार त्यागी
सबनन सुनिया सुयश तुम्हार
मांगू किसिसे सबरंग देखे
तूही मेरो निसतार

जयदेव नामा विप्र सुदामा
तिन पर किरपा भई अपार
कहत कबीर तू समरथ दाता
चार पदारथ देवनहार


 
Darshan De Chhaad Darabaar
Tujh Bin Sudhee Kaun Le Hamaar

Tum Dhan Daanee, Udaar Tyaagee
Sabanan Suniya Suyash Tumhaar
Maangoo Kisise Sabarang Dekhe
Toohee Mero Nisataar

Jayadev Naama Vipr Sudaama
Tin Par Kirapa Bhee Apaar
Kahat Kabeer Too Samarath Daata
Chaar Padaarath Devanahaar
 

यह भजन भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह भजन उन लोगों की ओर भी संबोधित है जो भगवान कृष्ण के भक्त हैं। भजन की शुरुआत में, भक्त भगवान कृष्ण से दर्शन देने की प्रार्थना करता है। वह कहता है कि वह भगवान कृष्ण के बिना कुछ भी नहीं है। भजन के दूसरे भाग में, भक्त भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। वह कहता है कि भगवान कृष्ण एक महान दानी हैं। वह सब कुछ दान करने के लिए तैयार हैं।
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