Kahat Kabeera Bhaavahi Nika, Jid Dekhe Vo Raam Sareeka, Gurukrpaajan Paayo Mere Bhaee,
गुरु कृपाजन पायो मेरे भाई
यह भजन संत कबीर द्वारा रचित है। इस भजन में कबीर साहेब कहते हैं कि उन्होंने गुरु की कृपा से राम को प्राप्त किया है। अब वे राम के अलावा किसी भी चीज़ को नहीं जानते हैं। पहले श्लोक में कबीर साहेब कहते हैं कि उन्होंने गुरु की कृपा से राम को प्राप्त किया है। अब उनके लिए राम ही सब कुछ है।