बदहजमी और खट्टी डकार के लिए घरेलु चूर्ण Home Made Churna For Acidity and Constipation

बदहजमी और खट्टी डकार के लिए घरेलु चूर्ण Home Made Churna For Acidity and Constipation

कई बार ज्यादा तैलीय भोजन करने, अस्त व्यस्त आदतों और ख़राब पाचन के कारण खाना खाने के बाद अपच, पेट का फूला और भारीपन महसूस होना, एसिडिटी आदि विकार हो जाते हैं। इनके कारण सर दर्द और स्वाभाव में खिन्नता आ जाती है। आइये जानते हैं की हम एसिडिटी और पाचन के लिए घर पर चूर्ण बनाना जिसके सेवन से पाचन के विकार दूर होते हैं और एसिडिटी भी दूर होती है। 

बदहजमी और खट्टी डकार के लिए घरेलु चूर्ण Home Made Churna For Acidity and Constipation


इस चूर्ण को बनाने के लिए आपको निम्न सामग्रियों की आवश्यकता होगी। सामग्री आपको पंसारी की दुकान पर मिल जाएगी और सामग्री लेते समय ध्यान दें की इनमे नमी नहीं हो।
  • अनारदाना 10 ग्राम
  • छोटी इलायची 10 ग्राम
  • दालचीनी 10 ग्राम
  • सौंठ 20 ग्राम
  • पीपल 20 ग्राम
  • कालीमिर्च 20 ग्राम
  • तेजपत्ता 20 ग्राम
  • पीपलामूल 20 ग्राम
  • नींबू का सत्व 20 ग्राम
  • धनिया 40 ग्राम
  • सेंधा नमक 50 ग्राम
  • काला नमक 50 ग्राम
  • सफेद नमक 50 ग्राम
  • मिश्री की डली 350 ग्राम
सेंधा नमक, काला नमक, सफेद नमक, मिश्री और नींबू का सत्व को अलग से रख लें और बाकी सामग्रियों को धुप लगा लें इससे इसमें उनमे जमा नमी दूर हो जायेगी। धुप लगने के बाद सभी सामग्रियों को आपस में मिला कर पीस लें। आप चाहे तो मिश्री और नमक को अलग से पीस लें ताकि बाकी सामग्री अच्छे से महीन हो जाए। आवश्यकता हो तो इन्हे छान लें और मोटे चूर्ण को दुबारा से पीस लें। इस चूर्ण को हवाबंद डिब्बे में रखे।

चूर्ण कैसे लें : इस चूर्ण को आप खाने के दस से पंद्रह मिनट बाद लें तो खट्टी डकारों, बदहजमी और अपच में सुधार होता है।

कब्ज क्या है : हमारे शरीर में जो सबसे महत्वपूर्ण भाग है, वो है हमारा पेट। हम जो भी खाते हैं उनका लाभ हमें तभी मिलता है जब पाचन तंत्र स्वस्थ हो। पाचन तंत्र के बिगड़ते ही तमाम तरह के विकार शरीर को घेर लेते हैं। वर्तमान समय की जीवन शैली भी पाचन को प्रभावित करती है। चाय, कॉफी का अधिक सेवन, हरी सब्जियों के स्थान पर फ़ास्ट फ़ूड, और उटपटांग खाते रहने से पाचन प्रभावित होता है। पहले तो हमें हमारे खान पान पर ध्यान देना है और आहार में उनको शामिल करना है जो शरीर के लिए लाभदायक हों। कब्ज को यदि परिभाषित किया जाय तो इसे आप यूँ समझिये की खाना खाने के बाद भारीपन रहना, खट्टी डकारे आना, सर में दर्द रहना और सुबह खुलकर पेट का साफ़ ना होना कब्ज है।

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शुरआती दिनों में तो कब्ज एक छोटी सी समस्या लगती है की ये खा लिया इसलिए हो गया, उस वजह से हो गया। लेकिन आगे चलकर ये छोटी से समस्या अन्य विकारों को पैदा करने लग जाती है। एक तरह से देखा जाय तो ज्यादादर बिमारियों का कारण कब्ज ही है। यहाँ हम आपको कब्ज दूर करने के कुछ टिप्स दे रहे हैं जो सामान्य कब्ज को दूर करने में सहयोगी होते हैं।
  1. यदि आपको कई दिनों से कब्ज की समस्या हो चुकी है तो आप सामान्य कब्ज के लिए त्रिफला और पुराने कब्ज के लिए शुध्दि चूर्ण का प्रयोग करें।
  2. पानी पीने की आदत बनाये। दिन में सात से आठ गिलास पानी का सेवन करे। प्रयाप्त मात्रा में पानी के सेवन से मल आँतों में ठोस होकर जमा नहीं हो पाता है। पानी से सेवन से विषाक्त प्रदार्थ भी शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
  3. खाना खाने के कुछ देर बाद पपीते का सेवन लाभदायक होता है।
  4. अजवायन का सेवन भी पाचन के लिए लाभदायी होता है। अजवायन का चूर्ण बनाने के लिए १० ग्राम अजवायन, त्रिफला और सेंधानमक लेकर मिक्सी में अच्छे से पीस कर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को सूती कपडे से छान कर हवाबंद डिब्बे में रख दें। खाना खाने के बाद आधा चम्मच इस चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्ज में राहत मिलती है।
  5. खाना खाने के बाद शहद की एक चम्मच से भी कब्ज दूर होता है।
  6. इसबगोल की भूंसी को गर्म पानी के साथ लेने से पुराना कब्ज दूर होता है।
  7. भोजन में हरी सब्जियों का सेवन बढ़ा देना चाहिए और खाने के बाद तुरंत सोना नहीं चाहिए।
  8. किशमिस को पानी में भिगोने के उपरांत नित्य सेवन से आतों में जमा मल दूर होता है।
  9. भोजन के उपरांत कुछ देर तक सीधे लेटना चाहिए। भोजन ग्रहण के उपरांत बैठे रहना उचित नहीं होता है।
  10. रात के भोजन के उपरांत सीधे सोने को जाने के बजाय थोड़ा बहुत टहलना चाहिए।
  11. रात्रि के भोजन के उपरांत सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच पानी का मिलाकर सेवन करना लाभदायी होता है।
  12. सुखी अंजीर को रात भर एक कटोरी पानी में भीगने दें और सुबह अंजीर का सेवन करें। अंजीर को दूध के साथ लेना लाभप्रद होता है।
  13. सुबह उठने के बाद एक गिलास पानी में एक निम्बू का रस मिलाकर इसमें काला नमक भी मिला लें और खाली पेट इसका सेवन करें।
  14. रात्रि कालीन भोजन के उपरांत सोने से पहले इसबगोल के भूसी का सेवन करने से कब्ज दूर होता है।
  15. एक गिलास गुनगुने पानी में 2 चम्मच ऐलोवेरा जेल घोलकर पी लें।
  16. रात्रि कालीन भोजन में ज्यादा मैदा, जंक या प्रॉसेस्ड फूड न लें। इनमें फाइबर नहीं होता, जिससे कब्ज हो सकती है। शराब या सिगरेट पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और कब्ज की समस्या होती है। आयरन और कैल्शियम सप्लिमेंट्स रात में न लें, ऐसा करने पर कब्ज की समस्या हो सकती है। ज्यादा मात्रा में डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे भी कई लोगों को कब्ज और गैस बनने की समस्या हो जाती है।
  17. रात में ताम्बे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
  18. खाने के उपरांत सौंफ का सेवन भी कब्ज को दूर रखता है आप चाहे तो सौंफ का चूर्ण बनाकर रख लें।
  19. अमरूद और पपीता कब्‍ज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अमरूद और पपीता को किसी भी समय खाया जा सकता है।
  20. पालक का रस पीने से कब्‍ज की शिकायत दूर होती है, खाने में भी पालक की सब्‍जी का प्रयोग करना चाहिए।
  21. कब्‍ज की समस्‍या से बचने के लिए नियमित रूप से व्‍यायाम और योगा करना लाभदायक होता है । गरिष्‍ठ भोजन करने से बचें और क्रोनिक कब्ज के लिए वैद्य से संपर्क करें।
  22. रात को सोते वक्‍त अरंडी के तेल को हल्‍के गरम दूध में मिलाकर पीजिए। इससे पेट साफ होगा।
  23. मुनक्‍का भी कब्ज को दूर करता है। 6-7 मुनक्‍का रोज रात को सोने से पहले खाने से कब्‍ज समाप्‍त होती है। इसके अलावा सुबह उठने के बाद बिना कुछ खाए हुए, 4-5 दाने काजू के और 4-5 दाने मुनक्‍का के साथ खाइए, इससे कब्‍ज की शिकायत समाप्‍त होगी।
  24. खाने में फाइबर युक्त आहार लेना चाहिए। फाइबर से पाचन सुगम होता है। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
  25. कब्ज के दौरान सुबह खाली पेट पानी पीना लाभदायक होता है।
  26. रोज सुबह आंवले और एलोवेरा का ज्यूस पिए लाभ मिलेगा।
  27. खाना खाने के बाद यदि आप गर्म दूध पीते हैं तो एक गिलास गर्म दूध में गाय का शुद्ध देसी घी का एक चम्मच मिला कर लेने से कब्ज दूर होता है।
  28. शुद्ध देसी गाय के घी को नाभि में लगाकर सोएं।
  29. सुबह जल्दी उठने का नियम बनाये और सुबह की सैर पर जाएँ।
  30. खाने के बाद सौंफ के चूर्ण का उपयोग करें। सौंफ से खट्टी डकारें भी नहीं आती है। 
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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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