जतन बिन बावरा रे मिरगा ने खेत उजाड़ा लिरिक्स

जतन बिन बावरा रे मिरगा ने खेत उजाड़ा Jatan Bin Bavra Re Mirga Ne Khet Ujada Lyrics Kabir Bhajan Prahlaad Singh Tipaniya

 
जतन बिन बावरा रे मिरगा ने खेत उजाड़ा लिरिक्स Jatan Bin Bavra Re Mirga Ne Khet Ujada Lyrics Kabir Bhajan Prahlaad Singh Tipaniya

जतन बिन बावरा रे
मिरगा ने खेत उजाड़ा
जतन बिन बावरा रे
मिरगा ने खेत उजाड़ा
पांच मिरगला पच्चीस मिरगली
या मिटटी में शिकारा
अपने अपने रस के भोगी
चूक रहे न्यारा न्यारा
जतन बिन बावरा रे
मिरगा ने खेत उजाड़ा
जतन बिन बावरा रे
मिरगा ने खेत उजाड़ा
उठ के झुंड मिरगा के रे आया
पेठा खेत मंझाना
हुहूँ करबाली ले भागे
मुर्ख भये रखवाला
जतन बिन बावरा रे
मिरगा ने खेत उजाड़ा
मारे मरे हो करे नहीं टारे
बिगड़ी नहीं थिटारा
अति प्रपंच महा दुखदायी
तीन लोक पच हारा
जतन बिन बावरा रे
मिरगा ने खेत उजाड़ा
जतन बिन बावरा रे
मिरगा ने खेत उजाड़ा
गुरु शबद रखवाला
कहे कबीर सुनो भाई साधो
पहुंचे गुरुमुख प्यारा
जतन बिन बावरा रे
मिरगा ने खेत उजाड़ा
 
 

कबीर भजन :- जतन बिन बांवरा रे, मिरगा ने खेत उजाड़ा,,, by prahlad singh tipaniya

Jatan Bin Baavara Re
Miraga Ne Khet Ujaada
Jatan Bin Baavara Re
Miraga Ne Khet Ujaada
Paanch Miragala Pachchees Miragalee
Ya Mitatee Mein Shikaara
Apane Apane Ras Ke Bhogee
Chook Rahe Nyaara Nyaara
Jatan Bin Baavara Re
Miraga Ne Khet Ujaada
Jatan Bin Baavara Re
Miraga Ne Khet Ujaada
Uth Ke Jhund Miraga Ke Re Aaya
Petha Khet Manjhaana
Huhoon Karabaalee Le Bhaage
Murkh Bhaye Rakhavaala
Jatan Bin Baavara Re
Miraga Ne Khet Ujaada
Maare Mare Ho Kare Nahin  Taare
Bigadee Nahin Thitaara
Ati Prapanch Maha Dukhadaayee
Teen Lok Pach Haara
Jatan Bin Baavara Re
Miraga Ne Khet Ujaada
Jatan Bin Baavara Re
Miraga Ne Khet Ujaada
Guru Shabad Rakhavaala
Kahe Kabeer Suno Bhaee Saadho
Pahunche Gurumukh Pyaara
Jatan Bin Baavara Re
Miraga Ne Khet Ujaada

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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