कहाँ से आया कहाँ जाओगे खबर करो लिरिक्स Khana Se Aaya Kahan Jaoge Lyrics

कहाँ से आया कहाँ जाओगे खबर करो अपने तन की लिरिक्स Khana Se Aaya Kahan Jaoge Khabar Karo Apne Tan ki Lyrics कबीर भजन

 
कहाँ से आया कहाँ जाओगे खबर करो अपने तन की लिरिक्स Khana Se Aaya Kahan Jaoge Khabar Karo Apne Tan ki Lyrics कबीर भजन

कहाँ से आया कहाँ जाओगे
खबर करो अपने तन की
कोई सदगुरु मिले तो भेद बतावें
खुल जावे अंतर खिड़की,

हिन्दू मुस्लिम दोनों भुलाने
खटपट मांय रिया अटकी
जोगी जंगम शेख सवेरा
लालच मांय रिया भटकी

काज़ी बैठा कुरान बांचे
ज़मीन जोर वो करी चटकी
हर दम साहेब नहीं पहचाना
पकड़ा मुर्गी ले पटकी

बहार बैठा ध्यान लगावे
भीतर सुरता रही अटकी
बहार बंदा, भीतर गन्दा
मन मैल मछली गटकी

माला मुद्रा तिलक छापा
तीरथ बरत में रिया भटकी
गावे बजावे लोक रिझावे
खबर नहीं अपने तन की

बिना विवेक से गीता बांचे
चेतन को लगी नहीं चटकी
कहें कबीर सुनो भाई साधो
आवागमन में रिया भटकी
 

Kahaan Se Aaya Kahaan Jaaoge?' by Prahlad Tipanya

Kahaan Se Aaya Kahaan Jaoge
Khabar Karo Apane Tan Kee
Koee Sadaguru Mile To Bhed Bataaven
Khul Jaave Antar Khidakee

Hindoo Muslim Donon Bhulaane
Khatapat Maany Riya Atakee
Jogee Jangam Shekh Savera
Laalach Maany Riya Bhatakee

Kaazee Baitha Kuraan Baanche
Zameen Jor Vo Karee Chatakee
Har Dam Saaheb Nahin Pahachaana
Pakada Murgee Le Patakee

Bahaar Baitha Dhyaan Lagaave
Bheetar Surata Rahee Atakee
Bahaar Banda, Bheetar Ganda
Man Mail Machhalee Gatakee

Maala Mudra Tilak Chhaapa
Teerath Barat Mein Riya Bhatakee
Gaave Bajaave Lok Rijhaave
Khabar Nahin Apane Tan Kee

Bina Vivek Se Geeta Baanche
Chetan Ko Lagee Nahin Chatakee
Kahen Kabeer Suno Bhaee Saadho
Aavaagaman Mein Riya Bhatakee
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4 टिप्पणियां

  1. Bahut hi achcha
  2. किराए के मकान में किराया देना जैसे अनिवार्य है उसी प्रकार जीवन मृत्यु की तरफ बढ़ता रहता है आप कुछ करें या ना करें मृत्यु सुनिश्चित है आप सब कुछ पाकर भी खो देंगे पाकर खोयेगे तो इस शरीर से शोक और मोह कैसा आज नहीं तो कल तुमको भी चलना होगा
  3. किराए के मकान में किराया देना जैसे अनिवार्य है उसी प्रकार जीवन मृत्यु की तरफ बढ़ता रहता है आप कुछ करें या ना करें मृत्यु सुनिश्चित है आप सब कुछ पाकर भी खो देंगे पाकर खोयेगे तो इस शरीर से शोक और मोह कैसा आज नहीं तो कल तुमको भी चलना होगा
  4. किराए के मकान में किराया देना जैसे अनिवार्य है उसी प्रकार जीवन मृत्यु की तरफ बढ़ता रहता है आप कुछ करें या ना करें मृत्यु सुनिश्चित है आप सब कुछ पाकर भी खो देंगे पाकर खोयेगे तो इस शरीर से शोक और मोह कैसा आज नहीं तो कल तुमको भी चलना होगा