कोई कहियौ रे प्रभु आवनकी आवनकी मनभावन की। आप न आवै लिख नहिं भेजै
बाण पड़ी ललचावनकी। ए दो नैण कह्यो नहिं मानै नदियां बहै जैसे सावन की। कहा करूं कछु नहिं बस मेरो पांख नहीं उड़ जावनकी। मीरा कहै प्रभु कब रे मिलोगे चेरी भै हूं तेरे दांवनकी।
कोई कहियो रे प्रभु आवन की, आवन की मनभावन की। हे प्रभु! कोई तो यह कह दे कि आप आ रहे हैं, आपकी आगमन की खबर सुनकर मन प्रसन्न हो जाए।
आप न आवै लिख नहिं भेजै, बाण पड़ी ललचावन की। आप न तो स्वयं आते हैं, न ही पत्र भेजते हैं, और मैं आपकी याद में व्याकुल हो रही हूँ।
ए दो नैण कह्यो नहिं मानै, नदियां बहै जैसे सावन की।
Desi Bhajan,Meera Bai Padawali Hindi Lyrics
मेरी आँखें आपकी याद में अश्रुपूरित हैं, जैसे सावन में नदियाँ बहती हैं।
कहा करूं कछु नहिं बस मेरो, पांख नहीं उड़ जावन की। क्या करूँ, कुछ भी मेरे वश में नहीं है, मेरे पास पंख नहीं हैं कि उड़कर आपके पास पहुँच सकूँ।
मीरा कहै प्रभु कब रे मिलोगे, चेरी भई हूं तेरे दांवन की। मीरा कहती हैं, प्रभु! कब आप मुझसे मिलेंगे? मैं आपकी दासी बन गई हूँ।