महादेव शंकर हैं जग से निराले
जग से निराले
बड़े सीधे साधे
बड़े भोले भाले
मेरे मन के मंदिर मे
रहते हैं शिवजी
ये मेरे नयन हैं
उन्हीं के शिवालय
बना लो इन्हे
अपने जीवन की आशा
सदा दूर तुमसे
रहेगी निराशा
बिना मांगे वरदान
तुमको मिलेगा
समझते हैं वो तो हर
एक मन की भाषा
वो उनके हैं जो
उनको अपना बना लें
महादेव शंकर हैं
जग से निराले
जिधर देखो शिव की है
महिमा निराली
ये दाता हैं और
सारी दुनिया सवाली
जो इस द्धार पे अपना
विश्वाश करले
तो पलभर में भर जाएगी
झोली खाली
उन्हीं के अँधेरे
उन्हीं के उजाले
महादेव शंकर हैं
जग से निराले
बड़े सीधे साधे
बड़े भोले भाले
बड़े सीधे साधे
बड़े भोले भाले
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