लागा चुनरी में दाग घर जाऊँ कैसे

बोलती है मूर्ती बुला के देख ले भजन

(मुखड़ा)
भावना की ज्योत को जगा कर के देख ले,
बोलती है मूर्ति, बुला के देख ले।
सौ बार चाहे आज़मा के देख ले,
सौ बार चाहे आज़मा के देख ले,
बोलती है मूर्ति, बुला के देख ले।।

आओ माँ... आओ माँ...
आओ माँ... आओ माँ...

(अंतरा 1)
करोगे जो सवाल, तो जवाब मिलेगा,
यहाँ पुण्य-पाप सबका हिसाब मिलेगा।
भले-बुरे सबको ही जानती है माँ,
खरी-खोटी सबकी पहचानती है माँ।
श्रद्धा से सिर को झुका के देख ले,
बोलती है मूर्ति, बुला के देख ले।।

आओ माँ... आओ माँ...
आओ माँ... आओ माँ...

(अंतरा 2)
छाया में है छुपी, जो बैठी धूप में,
मैया का होता दर्शन किसी भी रूप में।
होगा हर जगह अहसास उसका,
तेरे विश्वास में निवास उसका।
जिस ओर नज़रे घुमा के देख ले,
बोलती है मूर्ति, बुला के देख ले।।

आओ माँ... आओ माँ...
आओ माँ... आओ माँ...

(पुनरावृत्ति मुखड़ा)
भावना की ज्योत को जगा कर के देख ले,
बोलती है मूर्ति, बुला के देख ले।
सौ बार चाहे आज़मा के देख ले,
सौ बार चाहे आज़मा के देख ले,
बोलती है मूर्ति, बुला के देख ले।।

आओ माँ... आओ माँ...
आओ माँ... आओ माँ...


नास्तिक को भी आस्तिक बना देगा ये भजन- Devi Durga Mata Bhajan | Navratri Song 2018 | Saurabh Madhukar

Mata Rani Bhajan : Bhavna Ki Jyot Ko Jgake Dekh Le
Singer : Saurabh-Madhukar
Music Label : Sur Saurabh Industries.

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