सागर तट परबैठ अकेला रटता तेरा
सागर तट परबैठ अकेला रटता तेरा नाम
सागर तट पर
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी
देर हुई घनश्याम
सागर तट पर बैट अकेला रे
सागर तट पर बैठ
अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू
गिरिधारी देर हुई घनश्याम
करता पल पल तेरा वंदन
युग युग का प्यासा मेरा मान
करले अब स्वीकार मुरारी
तू ये मेरा प्रणाम
कब आएगा तू गिरिधारी
देर हुई घनश्याम
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
सागर तट पर बैठ
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी देर हुई घनश्याम
चारो ओर गिरे अंधियारा
नाथ ना अपना एक सहारा
सुधि पतवर पकड़ के था में
नैया कोया
कब आएगा तू गिरिधारी
देर हुई घनश्याम
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
सागर तट पर बैठ
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी
देर हुई घनश्याम
बहुत हुआ ये खेल तमाशा
अब तेरे चरणों की आशा
दर है दर्शन बिन जीवन की
दल जाए ना श्याम
सागर तट पर बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी देर हुई घनश्याम
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी
देर हुई घनश्याम
सागर तट पर बैट अकेला रे
सागर तट पर बैठ
अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू
गिरिधारी देर हुई घनश्याम
करता पल पल तेरा वंदन
युग युग का प्यासा मेरा मान
करले अब स्वीकार मुरारी
तू ये मेरा प्रणाम
कब आएगा तू गिरिधारी
देर हुई घनश्याम
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
सागर तट पर बैठ
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी देर हुई घनश्याम
चारो ओर गिरे अंधियारा
नाथ ना अपना एक सहारा
सुधि पतवर पकड़ के था में
नैया कोया
कब आएगा तू गिरिधारी
देर हुई घनश्याम
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
सागर तट पर बैठ
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी
देर हुई घनश्याम
बहुत हुआ ये खेल तमाशा
अब तेरे चरणों की आशा
दर है दर्शन बिन जीवन की
दल जाए ना श्याम
सागर तट पर बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी देर हुई घनश्याम
Sagar Tat Par - Anup Jalota
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
