सागर तट पर
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी
देर हुई घनश्याम
सागर तट पर बैट अकेला रे
सागर तट पर बैठ
अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू
गिरिधारी देर हुई घनश्याम
करता पल पल तेरा वंदन
युग युग का प्यासा मेरा मान
करले अब स्वीकार मुरारी
तू ये मेरा प्रणाम
कब आएगा तू गिरिधारी
देर हुई घनश्याम
Anup Jalota Bhajan Lyrics Hindi
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
सागर तट पर बैठ
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी देर हुई घनश्याम
चारो ओर गिरे अंधियारा
नाथ ना अपना एक सहारा
सुधि पतवर पकड़ के था में
नैया कोया
कब आएगा तू गिरिधारी
देर हुई घनश्याम
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
सागर तट पर बैठ
बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी
देर हुई घनश्याम
बहुत हुआ ये खेल तमाशा
अब तेरे चरणों की आशा
दर है दर्शन बिन जीवन की
दल जाए ना श्याम
सागर तट पर बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी देर हुई घनश्याम