देवा रे गणपति देवा रे गौरी माँ के लाल पधारे
देवा रे गणपति देवा रे गौरी माँ के लाल पधारे
गौरी माँ के लाल पधारे
देवों के एक देव हमारे
गौरी माँ के लाल पधारे
देवों के एक देव हमारे
रिद्धि सिद्धि सुख के दाता
रिद्धि सिद्धि सुख के दाता
आज चले खुद संग हमारे
मैंने आस लगाई
मैंने किरपा पायी
तेरी एक दया से
मैंने तो मंजिल पाई
वेद ग्रंथों में तेरा आदर
कृपा दया के तुम हो सागर
पाप बढ़ा जब जब धरती पर
सत्य किया तुमने ही उजागर
मेरे देव गजानन
मेरे विघ्न विनाशक
मेरे मंगल मूर्ति
मेरे शुभ गुण कानन
लाल बाग़ के तुम हो राजा
मस्तक के ऊपर तेज विराजा
दुखजन निर्बल के रखवाले
तोड़ दिए अज्ञान के ताले
गौरी माँ के लाल पधारे
देवों के एक देव हमारे
गौरी माँ के लाल पधारे
गणेश चतुर्थी स्पेशल गणेश भजन | देवा रे गणपति देवा रे | Ganesh Bhajan by Subeg Singh
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