कान्हा से है प्यार का बंधन
कान्हा से है प्यार का बंधन
कान्हा से है प्यार का बंधन,
श्रद्धा से करता हूं मैं वंदन।।
रोको तो कोई, मेरे श्याम को,
क्यों रूठा मुझसे?
आज मेरे श्याम को मनाना है,
हाल-ए-दिल श्याम को सुनाना है।।
मेरे दिल की है तमन्ना,
श्याम से मिलने का है सपना।।
मुझको तो बस इंतजार है,
होगा कब अपना?
आज मेरे श्याम को मनाना है,
हाल-ए-दिल श्याम को सुनाना है।।
मेरी खता को तुम भुला दो,
अपने चरणों में तुम जगह दो।।
वरना कहां पे जाएगा,
ये बालक तेरा?
आज मेरे श्याम को मनाना है,
हाल-ए-दिल श्याम को सुनाना है।।
तुम तो हो मोहन, जग के स्वामी,
मेरी भी सुन लो श्याम कहानी।।
कब से खड़ा हूं तेरी राह में,
श्याम सेवक तेरा।।
आज मेरे श्याम को मनाना है,
हाल-ए-दिल श्याम को सुनाना है।।
श्रद्धा से करता हूं मैं वंदन।।
रोको तो कोई, मेरे श्याम को,
क्यों रूठा मुझसे?
आज मेरे श्याम को मनाना है,
हाल-ए-दिल श्याम को सुनाना है।।
मेरे दिल की है तमन्ना,
श्याम से मिलने का है सपना।।
मुझको तो बस इंतजार है,
होगा कब अपना?
आज मेरे श्याम को मनाना है,
हाल-ए-दिल श्याम को सुनाना है।।
मेरी खता को तुम भुला दो,
अपने चरणों में तुम जगह दो।।
वरना कहां पे जाएगा,
ये बालक तेरा?
आज मेरे श्याम को मनाना है,
हाल-ए-दिल श्याम को सुनाना है।।
तुम तो हो मोहन, जग के स्वामी,
मेरी भी सुन लो श्याम कहानी।।
कब से खड़ा हूं तेरी राह में,
श्याम सेवक तेरा।।
आज मेरे श्याम को मनाना है,
हाल-ए-दिल श्याम को सुनाना है।।
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