वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय,
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय,
करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली, मेरे प्रभु,
हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें
जय होवे जय होवे जय होवे
गौरी सुत गणराज तुम्हारी जय होवे
जय होवे जय होवे जय होवे
गौरी सुत गणराज तुम्हारी जय गोवे
गौरी सुत गणराज तुम्हारी जय गोवे
तुम हो विधाता ज्ञान के दाता
पहले पूजा तुम्हारी हो देवा
जिसने जो चाहा वो पाया
में भी शरण तुम्हारी हो देवा
में दुखियारी
गम की मारी
बिगड़े बना दो काज
तुम्हारी जय होवे
जय होवे जय होवे जय होवे
गजमुख वाला तू रखवाला
अरजी सुनो हमारी हो देवा
मोदक के लड्डू ल्याई हु मेवा
विनती करू तुम्हारी हो देवा
में हु तुम्हारी जग से हारी
रखना मेरी लाज तुम्हारी जय होवे
जय होवे जय होवे जय होवे
जय होवे जय होवे जय होवे
गौरी सुत गणराज तुम्हारी जय होवे
जय होवे जय होवे जय होवे
गौरी सुत गणराज तुम्हारी जय गोवे
गौरी सुत गणराज तुम्हारी जय गोवे
तुम हो विधाता ज्ञान के दाता
पहले पूजा तुम्हारी हो देवा
जिसने जो चाहा वो पाया
में भी शरण तुम्हारी हो देवा
में दुखियारी
गम की मारी
बिगड़े बना दो काज
तुम्हारी जय होवे
जय होवे जय होवे जय होवे
गजमुख वाला तू रखवाला
अरजी सुनो हमारी हो देवा
मोदक के लड्डू ल्याई हु मेवा
विनती करू तुम्हारी हो देवा
में हु तुम्हारी जग से हारी
रखना मेरी लाज तुम्हारी जय होवे
जय होवे जय होवे जय होवे
Gauri Sut Ganraj Teri Jai Hove - गौरी सूत गणराज तेरी जय होवय - Rekha Yadav
Author - Saroj Jangir
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