गोकुल में श्रीकृष्ण का अवतार हो गया
गोकुल में श्रीकृष्ण का अवतार हो गया
अवतार हो गया रे, अवतार हो गया,
गोकुल में श्रीकृष्ण का अवतार हो गया।।
कोई लाया कुर्ता-टोपी, कोई लाया झबला,
पीतांबर पीला, कान्हा को भा गया।।
गोकुल में श्रीकृष्ण का अवतार हो गया।।
कोई लाया गेंद-बल्ला, कोई लाया खिलौना,
कान्हा का बांसुरिया पर दिल आ गया।।
गोकुल में श्रीकृष्ण का अवतार हो गया।।
कोई लाया लड्डू, कोई लाया पेड़ा,
माखन और मिश्री, कान्हा को भा गया।।
गोकुल में श्रीकृष्ण का अवतार हो गया।।
कोई लाया झूला, कोई लाया पटली,
चंदन का पालना, कान्हा को भा गया।।
गोकुल में श्रीकृष्ण का अवतार हो गया।।
गोकुल में श्रीकृष्ण का अवतार हो गया।।
कोई लाया कुर्ता-टोपी, कोई लाया झबला,
पीतांबर पीला, कान्हा को भा गया।।
गोकुल में श्रीकृष्ण का अवतार हो गया।।
कोई लाया गेंद-बल्ला, कोई लाया खिलौना,
कान्हा का बांसुरिया पर दिल आ गया।।
गोकुल में श्रीकृष्ण का अवतार हो गया।।
कोई लाया लड्डू, कोई लाया पेड़ा,
माखन और मिश्री, कान्हा को भा गया।।
गोकुल में श्रीकृष्ण का अवतार हो गया।।
कोई लाया झूला, कोई लाया पटली,
चंदन का पालना, कान्हा को भा गया।।
गोकुल में श्रीकृष्ण का अवतार हो गया।।
यह भजन श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का मधुर वर्णन करता है। गोकुलवासियों के आनंद का उत्साह झलकता है जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होता है। लोग उन्हें उपहार स्वरूप वस्त्र, खिलौने, मिठाइयाँ और झूले भेंट करते हैं। बालकृष्ण को माखन और मिश्री प्रिय लगती है, और वे अपनी बांसुरी से सबका मन मोह लेते हैं। यह भजन भक्तों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उल्लास और उनकी बाल लीलाओं की अनुभूति कराता है।
छठी स्पेशलGOKUL ME SHRI KRISHAN KA AVTAAR HO GAYA