मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूं भजन

मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूं भजन

 मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूं,
शिखर पार की, नील झंकार बनकर।।
मैं सतरंग सरगम लिए आ रही हूं,
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूं...

सुनो मीत मेरे, कि मैं गीत गा लूं,
तुम्हारे लिए हूं, मैं स्वर का उजाला।।
मैं लौह बन के, जल-जल जिए जा रही हूं,
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूं...

मैं उषा के मन की, मधुर साध पहली,
मैं संध्या के नैनों में, सुधि हो सुनहली।।
सुगम कर अगम को, मैं दोहरा रही हूं,
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूं...

मैं स्वर-ताल ले हूं, लवलीन सरिता,
मयाचीन अनजाने, कवि की हूं कविता।।
जो तुम हो, वो मैं हूं, ये बतला रही हूं,
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूं...


मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही Main Kewal Tumhare Liye Ga Rahi Hoon I LATA MANGESHKAR I Krishna Bhajan
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