काशी नाथ हे विश्वेश्वर करूँ मैं दर्शन आकर
काशी नाथ हे विश्वेश्वर करूँ मैं दर्शन आकर
काशी नाथ हे विश्वेश्वर करूँ मैं दर्शन आकर
मन के सिंघासन पर आ बैठो मैं हूँ तुम्हारा चाकर
टिका राखी त्रिशूल पर कशी यह तीरथ धाम तुम्हारा
नंगे पाँव गंगा जल के कर आता कावड़िया प्यारा
मुक्ति धाम कहते काशी को आया तुम्हारे दर पर
मन के सिंघासन पर आ बैठो मैं हूँ तुम्हारा चाकर
जो भी तुमने दिया मुझे है, मैं वोही सौंपने आया
वारुणी ऐसी के संगम पर मैं तुझे ढूंढने आया
दे दो दर्शन विश्वेश्वर मेरे सारे पाप भुला कर
मन के सिंघासन पर आ बैठो मैं हूँ तुम्हारा चाकर
मन के सिंघासन पर आ बैठो मैं हूँ तुम्हारा चाकर
टिका राखी त्रिशूल पर कशी यह तीरथ धाम तुम्हारा
नंगे पाँव गंगा जल के कर आता कावड़िया प्यारा
मुक्ति धाम कहते काशी को आया तुम्हारे दर पर
मन के सिंघासन पर आ बैठो मैं हूँ तुम्हारा चाकर
जो भी तुमने दिया मुझे है, मैं वोही सौंपने आया
वारुणी ऐसी के संगम पर मैं तुझे ढूंढने आया
दे दो दर्शन विश्वेश्वर मेरे सारे पाप भुला कर
मन के सिंघासन पर आ बैठो मैं हूँ तुम्हारा चाकर
Shiv Bhajan: Kashi Hey Vishwanath
Album Name: Bhakti Sagar New Episode 2, Shiv Gungaan
Singer: Anup Jalota
Shoot on: Anup Jalota
Music Label: T-Series
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