क्या कहने है कन्हैया तेरे खेल के लिरिक Kya Kahane Hai Kanhaiya Tere Khel Ke Lyrics

क्या कहने है कन्हैया तेरे खेल के लिरिक हिंदी Kya Kahane Hai Kanhaiya Tere Khel Ke Lyrics

 
क्या कहने है कन्हैया तेरे खेल के लिरिक Kya Kahane Hai Kanhaiya Tere Khel Ke Lyrics

जैसे जन्मे मुरली वाले
खुल गए अपने आप ही ताले मथुरा जेल के
क्या कहने है कन्हया तेरे खेल के
जन्म लेत ही जेल के अन्दर
रौशन हुआ उजाला
पलक झपकते ही सो गया
जेल में पहरे वाला
आ गयी काली रेन अधरिया
काली बदरा बीच बिजुरिया चमके भेल के
क्या कहने है कन्हया तेरे खेल के
चतार्भूज रूप में आये भक्तो के प्रतिपालक
वासुदेव और मात देवकी बोले जय गोपाला
जाने कैसो है तेरो जादू
भीनी भीनी आ रही खुशबु बिना तेल के
क्या कहने है कन्हया तेरे खेल के
शिशु लीला दिखाकर बोले विष्णु श्री हरी जी
कहे अनाड़ी मात पिता की इच्छा पूरी करी जी
मुझको नन्द भवन पहुँचाओ
वहां से कन्या लेकर आओ बिना देर के
क्या कहने है कन्हया तेरे खेल के


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