नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
शिव समान दाता नहीं विपद निवारण हार
लज्जा मोरी राखिओ नंदी के असवार
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
ओम शिव ओम शिव, ओम शिव ओम शिव
ओम शिव ओम शिव रटता जा
शिव शंकर हैं कैलाशपति, अंग वभूति रमाते है
जटाजूट में गंग बिराजै, गंगाधर को रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
ओम शिव ओम शिव, ओम शिव ओम शिव
ओम शिव ओम शिव रटता जा
पार्वती जी भी मना के हारी ना माने त्रिपुरारी
ब्रज में आ गए हैं।
भांग धतुरा भोग लागत है, गले सर्पो की माला रे
नंदी की असवारी सोहे, नन्दीश्वर को रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
ओम शिव ओम शिव, ओम शिव ओम शिव
भष्मासुर को भष्म कराया, लीला अपरम्पार तेरी |
मोहिनी रूप धारयो विष्णु ने, लीलाधर को रटता जा
गगन मंडल थारी महिमा गावै, गावै नर और नारी रे
ऐसे दीनदयाल मेरे दाता, भूतनाथ को रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
ओम शिव ओम शिव, ओम शिव ओम शिव
लज्जा मोरी राखिओ नंदी के असवार
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
ओम शिव ओम शिव, ओम शिव ओम शिव
ओम शिव ओम शिव रटता जा
शिव शंकर हैं कैलाशपति, अंग वभूति रमाते है
जटाजूट में गंग बिराजै, गंगाधर को रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
ओम शिव ओम शिव, ओम शिव ओम शिव
ओम शिव ओम शिव रटता जा
पार्वती जी भी मना के हारी ना माने त्रिपुरारी
ब्रज में आ गए हैं।
भांग धतुरा भोग लागत है, गले सर्पो की माला रे
नंदी की असवारी सोहे, नन्दीश्वर को रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
ओम शिव ओम शिव, ओम शिव ओम शिव
भष्मासुर को भष्म कराया, लीला अपरम्पार तेरी |
मोहिनी रूप धारयो विष्णु ने, लीलाधर को रटता जा
गगन मंडल थारी महिमा गावै, गावै नर और नारी रे
ऐसे दीनदयाल मेरे दाता, भूतनाथ को रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
नमः शिवाये नमः शिवाये रटता जा
ओम शिव ओम शिव, ओम शिव ओम शिव
OM SHIV OM SHIV RATATA JA -_- VIKASH NATH JI
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