फूलो में सज रहे हैं मेरे वृन्दावन बिहारी
फूलो में सज रहे हैं
मेरे वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
फूलो में सज रहे हैं
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
टेढ़ा सा मुकुट सर पर
रखा है किस अदा से
करुणा बरस रही है
करुणा भरी निगाह से
बिन मोल बिक गयी हूँ
जब से छवि निहारी
फूलो में सज रहे हैं
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही है
वृषभान की दुलारी
बहिंया गले में डाले
जब दोनों मुस्कराते
सबको ही प्यारे लगते
सबके ही मन को भाते
इन दोनों पे मैं सदके
इन दोनों पे मैं वारी
फूलो में सज रहे हैं
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
श्रृंगार तेरा प्यारे
शोभा कहूँ क्या उसकी
मेरे वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
फूलो में सज रहे हैं
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
टेढ़ा सा मुकुट सर पर
रखा है किस अदा से
करुणा बरस रही है
करुणा भरी निगाह से
बिन मोल बिक गयी हूँ
जब से छवि निहारी
फूलो में सज रहे हैं
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही है
वृषभान की दुलारी
बहिंया गले में डाले
जब दोनों मुस्कराते
सबको ही प्यारे लगते
सबके ही मन को भाते
इन दोनों पे मैं सदके
इन दोनों पे मैं वारी
फूलो में सज रहे हैं
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
श्रृंगार तेरा प्यारे
शोभा कहूँ क्या उसकी
इतपे गुलाबी पटका
उतपे गुलाबी सारी
फूलो में सज रहे हैं
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
नीलम से सोहे मोहन
स्वर्णिम सी सोहे राधा
इत नन्द का है छोरा
उत भानु की दुलारी
फूलो में सज रहे हैं
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
चुन चुन के कलियाँ जिसने
बंगला तेरा बनाया
दिव्य आभूषणों से
जिसने तुझे सजाया
उन हाथों पे मैं सदके
उन हाथों पे मैं वारी
फूलो में सज रहे हैं
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
फूलो सें सज रहे हैं,
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
उतपे गुलाबी सारी
फूलो में सज रहे हैं
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
नीलम से सोहे मोहन
स्वर्णिम सी सोहे राधा
इत नन्द का है छोरा
उत भानु की दुलारी
फूलो में सज रहे हैं
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
चुन चुन के कलियाँ जिसने
बंगला तेरा बनाया
दिव्य आभूषणों से
जिसने तुझे सजाया
उन हाथों पे मैं सदके
उन हाथों पे मैं वारी
फूलो में सज रहे हैं
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
फूलो सें सज रहे हैं,
श्री वृन्दावन बिहारी
और साथ सज रही हैं
वृषभान की दुलारी
Album :Bhagat Ke Vash Mein Hai Bhagwan
Singer : Rakesh Kala
Music : Rakesh Sharma
Label :Brijwani Cassettes
Produced By : Sajal
Music : Rakesh Sharma
Label :Brijwani Cassettes
Produced By : Sajal
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