पायलियाँ कान्हा कान्हा पुकारे आ कान्हा
पायलियाँ कान्हा कान्हा पुकारे आ कान्हा यमुना
कान्हा कान्हा मेरे कान्हा कान्हा,
पायलियाँ कान्हा कान्हा पुकारे,
आ कान्हा यमुना के किनारे,
तेरे संग रास रचाऊँगी कान्हा,
नैनों में तुझको छुपाऊँगी।
पायलियाँ कान्हा कान्हा पुकारे,
आ कान्हा यमुना के किनारे।
कब से मैं आ के बैठी हूँ तेरे इंतजार में,
सुध-बुध भुला गई कान्हा, तेरे ही प्यार में।
दीवानी हो गई तेरी मुरली की तान पे,
मेरी सुबह और शाम है तेरे ही नाम से।
तेरे ही नाम से, तेरे ही नाम से।
पायलियाँ कान्हा कान्हा पुकारे।
तू भी है बिन आधा, मैं भी हूँ अधूरी,
सँवारे सलोने, आके मिल चाहत को कर दे पूरी।
मैं तो फँस गई तेरे नैनों के जाल में,
खोई रहूँ सदा मैं तेरे ख्यालों में।
पायलियाँ कान्हा कान्हा पुकारे।
कान्हा कान्हा पुकारे : सरिता सरगम : कृष्ण जी का सबसे हिट भजन : Krishna Bhajan
पायलियाँ कान्हा कान्हा पुकारे,
आ कान्हा यमुना के किनारे,
तेरे संग रास रचाऊँगी कान्हा,
नैनों में तुझको छुपाऊँगी।
पायलियाँ कान्हा कान्हा पुकारे,
आ कान्हा यमुना के किनारे।
कब से मैं आ के बैठी हूँ तेरे इंतजार में,
सुध-बुध भुला गई कान्हा, तेरे ही प्यार में।
दीवानी हो गई तेरी मुरली की तान पे,
मेरी सुबह और शाम है तेरे ही नाम से।
तेरे ही नाम से, तेरे ही नाम से।
पायलियाँ कान्हा कान्हा पुकारे।
तू भी है बिन आधा, मैं भी हूँ अधूरी,
सँवारे सलोने, आके मिल चाहत को कर दे पूरी।
मैं तो फँस गई तेरे नैनों के जाल में,
खोई रहूँ सदा मैं तेरे ख्यालों में।
पायलियाँ कान्हा कान्हा पुकारे।
कान्हा कान्हा पुकारे : सरिता सरगम : कृष्ण जी का सबसे हिट भजन : Krishna Bhajan