कान्हा मधुवन में तुम आया ना करो

कान्हा मधुवन में तुम आया ना करो

कान्हा मधुवन में तुम आया ना करो,
जादू भरी बांसुरी बजाया ना करो।
एक राधिका है प्रेम दीवानी,
उसको और सताया ना करो,
जादू भरी बांसुरी बजाया ना करो।

सूरत तुम्हारी सलोनी, संवारी,
सुन बांसुरी को हो गई बाँवरी।
माखन और चुराया ना करो,
जादू भरी बांसुरी बजाया ना करो।

माथे मुकुट, गल माला सोहे,
कानों में कुंडल, मन मेरा मोहे।
मोहनी रूप बनाया ना करो,
जादू भरी बांसुरी बजाया ना करो।

पाँव चले ना, चली राहों में,
नींद न आई, सोई आँखों में।
मुरली की तान सुनाया ना करो,
जादू भरी बांसुरी बजाया ना करो।

मीठी मीठी बांसुरी मोहे निहारे,
चंदर सखी की विनती सुनो वनवारी।
दर्श दिखाओ, देर ना करो,
जादू भरी बांसुरी बजाया ना करो।
एक राधिका है प्रेम दीवानी,
उसको और सताया ना करो,
जादू भरी बांसुरी बजाया ना करो।
 
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