उपकार की भेंटें अपनी प्रभु को चढ़ाना है

उपकार की भेंटें अपनी प्रभु को चढ़ाना है

 
उपकार की भेंटें अपनी लिरिक्स Upkar Ki Bhente Apni Lyrics in Hindi

उपकार की भेंटें अपनी
उपकार की भेंटें अपनी
प्रभु को चढ़ाना है
प्रभु को चढ़ाना है
जो भी हमारा, प्रभु का सारा,
जिसका उसको देना है
भण्डारी हम प्रभु के जग में
दसवाँ ही लौटाना है,
प्रभु को चढ़ाना है, उपकार.

ख्रीस्त प्रभु ने स्वर्ग को त्यागा,
हमको प्रेम दिखाना है,
हिस्सा दो प्रभु को, जो कुछ हो
निज भेंटें भी लाना है,
प्रभु को चढ़ाना है, उपकार

ईश्वर की है कृपा भारी
हमको धन्य मनाना है
सारा जीवन दे दो प्रभु को
तब आशीषें पाना है,
प्रभु को चढ़ाना है, उपकार



Song :- Upkar Ki Bhetein Apni(Bedari ke Geet)

Upakaar Kee Bhenten Apanee
Upakaar Kee Bhenten Apanee
Prabhu Ko Chadhaana Hai
Prabhu Ko Chadhaana Hai
Jo Bhee Hamaara, Prabhu Ka Saara,
Jisaka Usako Dena Hai
Bhandaaree Ham Prabhu Ke Jag Mein
Dasavaan Hee Lautaana Hai,
Prabhu Ko Chadhaana Hai, Upakaar.

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