गणेश चतुर्थी पूजा विधि Ganesh Chaturthi Puja Vidhi

गणेश चतुर्थी पूजा विधि Ganesh Chaturthi Puja Vidhi

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है और उन्हें विधि-विधान से पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी की पूजा दस दिनों तक चलती है और अनंत चतुर्दशी को मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।


गणेश चतुर्थी पूजा विधि Ganesh Chaturthi Puja Vidhi

गणेश चतुर्थी पूजा विधि इस प्रकार है:

पूजा सामग्री:

भगवान गणेश की मूर्ति
गंगाजल
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और चीनी)
चंदन
रोली
अक्षत (पवित्र चावल)
फूल
धूप
दीप
फल
मिठाई
मोदक
सुपारी
पान
रक्षा सूत्र
नारियल
पूजा विधि:

सबसे पहले, पूजा स्थल को साफ करें और उसे गंगाजल से पवित्र करें।
भगवान गणेश की मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
भगवान गणेश को गंगाजल से स्नान कराएं।
भगवान गणेश को पंचामृत से स्नान कराएं।
भगवान गणेश को चंदन और रोली लगाएं।
भगवान गणेश को अक्षत अर्पित करें।
भगवान गणेश को फूल अर्पित करें।
भगवान गणेश को धूप और दीप दिखाएं।
भगवान गणेश को फल और मिठाई अर्पित करें।
भगवान गणेश को मोदक अर्पित करें।
भगवान गणेश को सुपारी और पान अर्पित करें।
भगवान गणेश को रक्षा सूत्र बांधें।
भगवान गणेश को नारियल अर्पित करें।
भगवान गणेश की आरती करें।
भगवान गणेश से अपनी मनोकामनाएं मांगें।
गणेश चतुर्थी पूजा के मंत्र:

आवाहन मंत्र:
ॐ गणेशाय नमः
ॐ ऋषिभ्यो नमः
ॐ देवताभ्यो नमः
ॐ गन्धर्वेभ्यो नमः
ॐ यक्षभ्यो नमः
ॐ राक्षसाभ्यो नमः
ॐ भूतभ्यो नमः
ॐ प्रेतभ्यो नमः
ॐ पिशाचभ्यो नमः
ॐ सर्वेभ्यो नमः
प्रार्थना मंत्र:
ॐ नमस्ते गणपतये
वक्रतुण्डाय हुंकारमूर्तये
लम्बोदराय विद्महे
विघ्ननाशकाय धीमहि
तन्नो दंष्ट्रो प्रचोदयात्
आरती मंत्र:
जय गणपति जय गणपति
जय गणपति देवा
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा

एकदन्ताय विद्महे
कपिलाय हुंकारमूर्तये
लम्बोदराय विद्महे
विघ्ननाशकाय धीमहि
तन्नो दंष्ट्रो प्रचोदयात्
गणेश चतुर्थी पूजा के नियम:

  • गणेश चतुर्थी के दिन व्रत रखना शुभ माना जाता है।
  • भगवान गणेश को केवल शाकाहारी भोजन ही अर्पित करें।
  • भगवान गणेश की पूजा करते समय साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
  • भगवान गणेश की पूजा में ध्यान केंद्रित करें।
  • भगवान गणेश से सच्चे मन से अपनी मनोकामनाएं मांगें।

गणेश चतुर्थी पूजा का उद्देश्य भगवान गणेश को प्रसन्न करना और उनकी कृपा प्राप्त करना है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, इसलिए उनकी पूजा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

गणेश हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय और पूजनीय देवताओं में से एक हैं। उन्हें ज्ञान, बुद्धि, सफलता, और बाधाओं को दूर करने के देवता के रूप में जाना जाता है। उन्हें अक्सर एक मानव शरीर और एक हाथी के सिर के साथ चित्रित किया जाता है, और उनके हाथों में विभिन्न वस्तुएं होती हैं, जैसे कि एक मोदक (एक प्रकार का मीठा पकवान), एक अंकुश (एक प्रकार का लाठी), और एक पाश (एक प्रकार का रस्सी)।

गणेश की उत्पत्ति के कई अलग-अलग कथाएँ हैं। एक कहानी के अनुसार, वह भगवान शिव और पार्वती के पुत्र हैं। एक अन्य कहानी के अनुसार, वह स्वयंभू हैं, यानी वे स्वयं अस्तित्व में आए थे। गणेश को अक्सर किसी भी नए कार्य या उद्यम की शुरुआत से पहले पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि वह बाधाओं को दूर करते हैं और सफलता सुनिश्चित करते हैं। उन्हें बुद्धि और ज्ञान का भी देवता माना जाता है, और उन्हें अक्सर छात्रों और विद्वानों द्वारा पूजा जाता है।

गणेश की पूजा भारत के हर हिस्से में की जाती है। उन्हें अक्सर घरों, मंदिरों, और व्यवसायों में चित्रित किया जाता है। गणेश चतुर्थी, जो गणेश की जयंती है, एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो पूरे भारत में मनाया जाता है। गणेश हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। वे ज्ञान, बुद्धि, सफलता, और बाधाओं को दूर करने के प्रतीक हैं। उन्हें अक्सर किसी भी नए कार्य या उद्यम की शुरुआत से पहले पूजा जाता है।

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