प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुनू खींच लता है भादो का जब जब माँ मेला आता है प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुन खींच लता है आँखों में जब जब तेरा चेहरा आता है
प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुनू खींच लाता है झुंझुनू के गांव की वो बंद गलियां मंदिर की बगीची की फूलो की बगियाँ झुंझुन की माटी की खुशबु सुहानी दादी की चरणों का वो निर्मल पानी दर्शन तेरे करने से ही सब मिल जाता है
Dadi Sati Bhajan Lyrics in Hindi
प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुनू खींच लाता है मेले में जाके हम तो अकेले मिलते वही पे खुशियों की रेले दादी के भक्तो का ऐसा परिवार है दादी के प्रेम का मिलता उपकार है रहने के ख्यालो में जब ये आता है
प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुनू खींच लाता है ऐसा क्या तुमने जादू चलाया मोहित को तुमने अपना बनाया आँखों से अक्षक सा बेहता सैलाब है या दिल में तेरी दादी दिल ये बेताब है ऐसा क्यों होता है समज न आता है प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुनू खींच लाता है
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