राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
राधा तेरा श्याम हमने मथुरा में देखा
बंसी बजाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
राधा तेरा श्याम हमने गोकुल में देखा
गइया चराते हुए राधा तेरा श्याम देखा
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
राधा तेरा श्याम वृन्दावन में देखा
रास रचाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा
राधा ढूंढ रही किसी ओ ने मेरा श्याम देखा
राधा तेरा श्याम हमने मथुरा में देखा
मुरली बजाते हुए राधा तेरा श्याम देखा
राधा तेरा श्याम हमने सर्वगत में देखा
राधे राधे जपते हुए
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
राधा तेरा श्याम हमने मथुरा में देखा
बंसी बजाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
राधा तेरा श्याम हमने गोकुल में देखा
गइया चराते हुए राधा तेरा श्याम देखा
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
राधा तेरा श्याम वृन्दावन में देखा
रास रचाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा
राधा ढूंढ रही किसी ओ ने मेरा श्याम देखा
राधा तेरा श्याम हमने मथुरा में देखा
मुरली बजाते हुए राधा तेरा श्याम देखा
राधा तेरा श्याम हमने सर्वगत में देखा
राधे राधे जपते हुए
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा Radha Dundh Rahi Kisi Ne Mera Shyam Dekha
Raadha Dhoondh Rahee Kisee Ne Mera Shyaam Dekha
Shyaam Dekha Ghanashyaam Dekha
Raadha Dhoondh Rahee Kisee Ne Mera Shyaam Dekha
राधा अपने प्रिय श्याम को ढूंढते हुए सखियों से पूछती हैं, "किसी ने मेरा श्याम देखा?" यह भावपूर्ण भजन राधा के विरह और कृष्ण के प्रति उनके अगाध प्रेम को दर्शाता है। ज्योति द्वारा गाया गया यह भावुक गीत "राधा ढूंढ रही..." श्रद्धालुओं के मन में भक्ति की लहर पैदा कर देता है। वहीं, मनोज शर्मा द्वारा प्रस्तुत "राधे कृष्ण राधे श्याम" धुन भक्तों को भगवान कृष्ण की मधुर याद दिलाती है।Shyaam Dekha Ghanashyaam Dekha
Raadha Dhoondh Rahee Kisee Ne Mera Shyaam Dekha
"राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा" में श्री राधा और श्रीकृष्ण (श्याम) के बीच अनन्य प्रेम का परिचय होता है। राधा जी के प्रश्न पूछने पर भक्त बताते हैं कि श्याम को मथुरा, गोकुल, वृंदावन और सर्वत्र देखा गया है - बंसी बजाते, गाय चराते, रास रचाते और राधे-राधे का जाप करते हुए। यह भजन श्रीकृष्ण की सर्वव्यापकता और उनके विभिन्न रूपों को उजागर करता है, साथ ही राधा के मन में उनके प्रति गहरी चाह और प्रेम को प्रकट करता है।
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