शिव कैलाशो के वासी धौली धारों के राजा लिरिक्स Shiv Kailasho Ke Vaasi Lyrics/ Shiv Kailasho Ke Vasi Dhouli Dharo Ke Raja
शिव कैलाशो के वासी,
धौली धारों के राजा
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना
शिव कैलाशो के वासी ,
धौली धारों के राजा
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना.
तेरे कैलाशों का अंत न पाया,
तेरे कैलाशों का अंत न पाया
अंत बेअंत तेरी माया,
ओह भोले बाबा,
अंत बेअंत तेरी माया,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना
शिव कैलाशो के वासी,
धौली धारों के राजा,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना
बेल की पत्तियां, भांग धतुरा,
बेल की पत्तियां, भांग धतुरा
शिव जी के मन को लुभायें,
ओह भोले बाबा
शिव जी के मन को लुभाए,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना,
शिव कैलाशो के वासी,
धौळी धारों के राजा
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना
एक था डेरा तेरा,
चम्बे रे चौगाना
दुज्जा लायी दित्ता भरमोरा,
ओह भोले बाबा
दुज्जा लायी दित्ता भरमोरा,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना
शिव कैलाशो के वासी,
धौली धारों के राजा
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना
धौली धारों के राजा
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना
शिव कैलाशो के वासी ,
धौली धारों के राजा
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना.
तेरे कैलाशों का अंत न पाया,
तेरे कैलाशों का अंत न पाया
अंत बेअंत तेरी माया,
ओह भोले बाबा,
अंत बेअंत तेरी माया,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना
शिव कैलाशो के वासी,
धौली धारों के राजा,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना
बेल की पत्तियां, भांग धतुरा,
बेल की पत्तियां, भांग धतुरा
शिव जी के मन को लुभायें,
ओह भोले बाबा
शिव जी के मन को लुभाए,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना,
शिव कैलाशो के वासी,
धौळी धारों के राजा
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना
एक था डेरा तेरा,
चम्बे रे चौगाना
दुज्जा लायी दित्ता भरमोरा,
ओह भोले बाबा
दुज्जा लायी दित्ता भरमोरा,
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना
शिव कैलाशो के वासी,
धौली धारों के राजा
शंकर संकट हरना,
शंकर संकट हरना
शिव कैलाशो के वासी,
धौली धारों के राजा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और आध्यात्मिक ऊर्जा के कारण कैलाश को अपने निवास के रूप में चुना। कहा जाता है कि भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती भी उनके साथ कैलाश पर्वत पर निवास करती हैं। कैलाश पर्वत को हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है, और कई भक्त आशीर्वाद लेने और भगवान शिव की पूजा करने के लिए इस स्थान की तीर्थ यात्रा करते हैं।
भगवान शिव को अक्सर एक सन्यासी या सन्यासी के रूप में चित्रित किया जाता है जो पहाड़ों में रहते हैं और लंबे समय तक ध्यान करते हैं। यह छवि कैलाश के साथ भगवान शिव के जुड़ाव और इस विश्वास को पुष्ट करती है कि वह इस पवित्र पर्वत के निवासी या स्वामी हैं।
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