सुन म्हारी दादी ऐ सुहाणी लागे थारी चुनड़ी
चारो पल्ला सुआ मोर
बीच में कोयल करती शोर
सुन म्हारी दादी ऐ
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी
जोधपुर से ल्याया चुनड़ी
मारवाड़ को छापो
खण्डेला को साचो गोटो
पुरो पाँच गज नाप्यो
आरी तारी को जाल बनायो
देखो करके गौर
सुन म्हारी दादी ऐ
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी
जयपरिये से ल्याया घाघरो
बावन कली को मोटो
लाम्पी बिचियो और बाकड़ो
साचो लगायो गोटो
हीरा पन्ना चमके ज्यामे
और रेशम की डोर
सुन म्हारी दादी ऐ
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी
सीकर से चाँदी की पोली
और बनायो झुमको
चूरू से तो नथ मंगाई
और नागोर से कब्जो
रूप सुहानो निरख निरख
कर नाचे जो मन मोर
सुन म्हारी दादी ऐ
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी
कोटाबूँदी से पायल बनाई
और मोत्या को चुड़ो
बीकानेरी जड़ाऊ बोरलो
कनफूला को चुड़ो
उदियापुर की तागड़ी ज्यामे
झालर लटके ज़ोर
सुन म्हारी दादी ऐ
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी
बीच में कोयल करती शोर
सुन म्हारी दादी ऐ
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी
जोधपुर से ल्याया चुनड़ी
मारवाड़ को छापो
खण्डेला को साचो गोटो
पुरो पाँच गज नाप्यो
आरी तारी को जाल बनायो
देखो करके गौर
सुन म्हारी दादी ऐ
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी
जयपरिये से ल्याया घाघरो
बावन कली को मोटो
लाम्पी बिचियो और बाकड़ो
साचो लगायो गोटो
हीरा पन्ना चमके ज्यामे
और रेशम की डोर
सुन म्हारी दादी ऐ
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी
सीकर से चाँदी की पोली
और बनायो झुमको
चूरू से तो नथ मंगाई
और नागोर से कब्जो
रूप सुहानो निरख निरख
कर नाचे जो मन मोर
सुन म्हारी दादी ऐ
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी
कोटाबूँदी से पायल बनाई
और मोत्या को चुड़ो
बीकानेरी जड़ाऊ बोरलो
कनफूला को चुड़ो
उदियापुर की तागड़ी ज्यामे
झालर लटके ज़ोर
सुन म्हारी दादी ऐ
सुहाणी लागे थारी चुनड़ी
दादी की चुनड़ी के श्रृंगार का ऐसा खूबसूरत भजन -ज्योति जाजोदिया - Special Chunri Bhajan 2018!!
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