गुरु के समान दाता नहीं जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
सात दीप को खंड में
गुरु अरे सरदारा
क्या रही राजा
क्या बाद्शाह
सबने हाथ पसारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
पाहन पूजे हरि ना मिलेंं,
सुन ले मूढ़ गंवारा।
अड़सठ रा फल एक है,
जो द्वारे सन्त पधारा।।
पत्थर न पूजत फिरे
पत्थर न पूजत फिरे
इस जत क्या पाळ पाया
अड़सठ का फल एक है
अड़सठ का फल एक है
द्वारे संत जिमाया
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
अपराधी रे तीरथ चल्या
रे क्या तीरथ नहाया
दाग जिगर धोया नहीं
हां रे अंग धोया
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
कागज नाव बनाय के जी,
बिच बिच लोहा जडि़या।
सतगुरू पार उतारसी
खडया सांचे पुकारया
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
भव सागर गहरा घणा
डूबया रे जग सारा
कहे कबीर धर्मिदास
निज नाम उबारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु सम दाता जग में कोई नहीं।
सब जग मांगन हारा।।
सात द्वीप नव खंड में,
गुरु सबका करतारा।
क्या राजा क्या बादशाह जी,
सबने ही हाथ पसारा।।
पाहन पूजे हरि ना मिलें
सुन ले मूढ़ गंवारा।
अड़सठ रा फल एक है,
जो द्वारे सन्त पधारा।।
कपटी तीरथ में गया वह,
कहां का तीरथ न्हाया।
कपट दाग दिल का नहीं धोया,
केवल अंग पखारा।।
कागज नाव बनाय के जी,
बिच बिच लोहा जडि़या।
सतगुरू पार उतारसी यों,
चौड़े सन्त पुकारा।।
भव सागर गहरा घणां जी,
बहा जात संसारा।
कहे 'कबीर' तेहि पार उतारुँ,
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
सात दीप को खंड में
गुरु अरे सरदारा
क्या रही राजा
क्या बाद्शाह
सबने हाथ पसारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
पाहन पूजे हरि ना मिलेंं,
सुन ले मूढ़ गंवारा।
अड़सठ रा फल एक है,
जो द्वारे सन्त पधारा।।
पत्थर न पूजत फिरे
पत्थर न पूजत फिरे
इस जत क्या पाळ पाया
अड़सठ का फल एक है
अड़सठ का फल एक है
द्वारे संत जिमाया
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
अपराधी रे तीरथ चल्या
रे क्या तीरथ नहाया
दाग जिगर धोया नहीं
हां रे अंग धोया
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
कागज नाव बनाय के जी,
बिच बिच लोहा जडि़या।
सतगुरू पार उतारसी
खडया सांचे पुकारया
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
भव सागर गहरा घणा
डूबया रे जग सारा
कहे कबीर धर्मिदास
निज नाम उबारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु के समान दाता नहीं
जग मांगण हारा
गुरु सम दाता जग में कोई नहीं।
सब जग मांगन हारा।।
सात द्वीप नव खंड में,
गुरु सबका करतारा।
क्या राजा क्या बादशाह जी,
सबने ही हाथ पसारा।।
पाहन पूजे हरि ना मिलें
सुन ले मूढ़ गंवारा।
अड़सठ रा फल एक है,
जो द्वारे सन्त पधारा।।
कपटी तीरथ में गया वह,
कहां का तीरथ न्हाया।
कपट दाग दिल का नहीं धोया,
केवल अंग पखारा।।
कागज नाव बनाय के जी,
बिच बिच लोहा जडि़या।
सतगुरू पार उतारसी यों,
चौड़े सन्त पुकारा।।
भव सागर गहरा घणां जी,
बहा जात संसारा।
कहे 'कबीर' तेहि पार उतारुँ,
जो कोई होय हमारा।। गुरु समान दाता नहीं , याचक सीष समान । तीन लोक की सम्पदा, सो गुरु दिन्ही दान ।।
सात द्वीप नौ खंड मे , गुरु से बड़ा न कोय ! कर्ता करै न कर सके , गुरु करै सो होय !! आतम राम न चिन्हहीं, पूजत फिरे पषान । केसहु मुक्ति न होयगी केतिक सुनो पुरान ।।
सात द्वीप नौ खंड मे , गुरु से बड़ा न कोय ! कर्ता करै न कर सके , गुरु करै सो होय !! आतम राम न चिन्हहीं, पूजत फिरे पषान । केसहु मुक्ति न होयगी केतिक सुनो पुरान ।।
गुरु के समान दाता नहीं लिरिक्स हिंदी Guru Ke Saman Data Nahi Lyrics Hindi SATNAM SATSANG AHEMADABAD
Guru Ke Samaan Daata NahinJag Maangan Haara
Guru Ke Samaan Daata Nahin
Jag Maangan Haara
Guru Ke Samaan Daata Nahin
Jag Maangan Haara
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैंGuru Ke Samaan Daata Nahin
Jag Maangan Haara
Guru Ke Samaan Daata Nahin
Jag Maangan Haara
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
