रंग रंग रा फूल खिले रे लिरिक्स हिंदी Rang Rang Ra Phool Khile Re Lyrics Hindi Prahlad Singh Tipaniya Kabir Bhajan Lyrics (Mhari Ram Baag Gulzar-Hindi)
देह मांहि विदेह है, और साहब सुरति स्वरुप,
एजी अनंत लोक में रम रहा, और जाके ना रंग न रूप
आया भगूला (बवंडर ) प्रेम का , तिनका उड़ा आकाश,
तिनका तिनके से मिला तिनका तिनके पास
जहां प्रेम तहाँ नेम नहीं, और तहाँ नहीं बुद्धि ब्यवहार,
एजी प्रेम मगन जब भी भया तो कौन गिने तिथिवार
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
ओ म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
एजी तक्त चार चौरासी जिखारी
किन की सड़का न्यारी रे न्यारी
एजी तक्त चार चौरासी जिखारी
किन की सड़का न्यारी रे न्यारी
पेड़ों से पेड़ बने रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
एजी कुआ इणा रे बाग़ के माहि,
भंवरा गुन लाग्या वाके मांहि
एजी कुआ इणा रे बाग़ के माहि,
भंवरा गुन लाग्या वाके मांहि
ई कुआ से बाग़ पीवे रे
ई कुआ से बाग़ पीवे रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
ए माला इना रे बाग़ माहि
भर दो बा फूलन लाही
मुख आगे लायकी धरे रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
मंछा रे मालण माला रे पोहि
दिल चाहे लई जावे रे कोई
देवन के रे शीश चढ़े रे
देवन के रे शीश चढ़े रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
एजी रामानंद गुरु माला रे दिनी
दास कबीर ने प्रेम कर लिनी
एजी रामानंद गुरु माला रे दिनी
दास कबीर ने प्रेम कर लिनी
घट माहि तो माला रे फिर रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
एजी अनंत लोक में रम रहा, और जाके ना रंग न रूप
आया भगूला (बवंडर ) प्रेम का , तिनका उड़ा आकाश,
तिनका तिनके से मिला तिनका तिनके पास
जहां प्रेम तहाँ नेम नहीं, और तहाँ नहीं बुद्धि ब्यवहार,
एजी प्रेम मगन जब भी भया तो कौन गिने तिथिवार
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
ओ म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
एजी तक्त चार चौरासी जिखारी
किन की सड़का न्यारी रे न्यारी
एजी तक्त चार चौरासी जिखारी
किन की सड़का न्यारी रे न्यारी
पेड़ों से पेड़ बने रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
एजी कुआ इणा रे बाग़ के माहि,
भंवरा गुन लाग्या वाके मांहि
एजी कुआ इणा रे बाग़ के माहि,
भंवरा गुन लाग्या वाके मांहि
ई कुआ से बाग़ पीवे रे
ई कुआ से बाग़ पीवे रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
ए माला इना रे बाग़ माहि
भर दो बा फूलन लाही
मुख आगे लायकी धरे रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
मंछा रे मालण माला रे पोहि
दिल चाहे लई जावे रे कोई
देवन के रे शीश चढ़े रे
देवन के रे शीश चढ़े रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
एजी रामानंद गुरु माला रे दिनी
दास कबीर ने प्रेम कर लिनी
एजी रामानंद गुरु माला रे दिनी
दास कबीर ने प्रेम कर लिनी
घट माहि तो माला रे फिर रे
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
म्हारे राम बाग़ गुलज़ार
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
रंग रंग रा फूल खिले रे,
हाँ. ........ जी........
रंग रंग रा फूल खिले रे लिरिक्स हिंदी Rang Rang Ra Phool Khile Re Lyrics Hindi Prahlad Singh Tipaniya Kabir Bhajan Lyrics (Mhari Ram Baag Gulzar-Hindi)
Mhari ram baag gulzar
Mhari ajab baag gulzar
rang rang ra, phool khile re,
rang rang ra, phool khile re, han aa re
E tat char to rasi ke pyari
Kin ki sadka, nyari re nyari, he e e
Pedon se to, ped bane re,
Pedon se to, ped bane re,
Rang rang ra ..
Han Kuan re ina baag ke mahi
Dora pingala gyanak mahi, he e re
Yon kuan se, to bage piye re,
Yon kuan se, to bage piye re,
Rang rang ra ..
Are mala me ina re baag ke mahi
Bhar do ba phoolan ko lahi, he e re
Mukh aage to, laine dhare re
Mukh aage to, laine dhare re
Rang rang ra ..
E mancha re malan mala re pohi
Dil chaahe lai jaane re kohi, he e re
Devan ke to, theese chadhe re
Devan ke to, theese chadhe re
Rang rang ra ..
E Ramanand guru mala re dini
Das Kabir ne prem kar lini, he e re
Are ghat mahi to, mala phire re,
Are ghat mahi to, mala phire re,
Rang rang ra ..
Mhari ajab baag gulzar
rang rang ra, phool khile re,
rang rang ra, phool khile re, han aa re
E tat char to rasi ke pyari
Kin ki sadka, nyari re nyari, he e e
Pedon se to, ped bane re,
Pedon se to, ped bane re,
Rang rang ra ..
Han Kuan re ina baag ke mahi
Dora pingala gyanak mahi, he e re
Yon kuan se, to bage piye re,
Yon kuan se, to bage piye re,
Rang rang ra ..
Are mala me ina re baag ke mahi
Bhar do ba phoolan ko lahi, he e re
Mukh aage to, laine dhare re
Mukh aage to, laine dhare re
Rang rang ra ..
E mancha re malan mala re pohi
Dil chaahe lai jaane re kohi, he e re
Devan ke to, theese chadhe re
Devan ke to, theese chadhe re
Rang rang ra ..
E Ramanand guru mala re dini
Das Kabir ne prem kar lini, he e re
Are ghat mahi to, mala phire re,
Are ghat mahi to, mala phire re,
Rang rang ra ..
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