मंदिर छोडो मस्जिद छोडो
ये खाली एक मजाकां है
पर दिल किसी का कभी ना तोड़ो
ये असली घर खुदा का है
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
देखने में है भोला भाला
मस्त निगाने और मतवाला
तसवी फेरे सुमिरन माला
मुंह का मीठा दिल का काल
सूरत का इंसान मगर है
सीरत का शैतान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
तेरी कपट फरेब मक्कारी
धोखेबाजी झूठी यारी
दिखलाने की रिश्तेदारी
समझ रही है दुनियाँ सारी
फिर भी करते समय पाप
ना कांपे तेरी जात
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
हां , अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
जितने चाहे स्वांग बना ले
जितने चाहे यज्ञ रचा ले
जितने चाहे स्वांग बना ले
जितने चाहे यज्ञ रचा ले
आलम बन विख्यान सुना ले
जोर जोर से अलख जगा ले
बिना भजन भगवन के
साधन निष्फल सारे जान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
हां , अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
मुंह से गुण भी गाते रहना
दिल से कपट चलाते रहना
दुनिया को समझाते रहना
खुद वो पाप कमाते रहना
तू ही कह दे कपटी मन का
कैसे हो कल्याण
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
हां , अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
फिकर ना कर एक दिन आएगा
भेद तुम्हारा खुल जाएगा
फिकर ना कर एक दिन आएगा
भेद तुम्हारा खुल जाएगा
करनी पर तू पछतायेगा
चमन (लेखक ) तुझे क्या समझायेगा
तड़प तड़प कर जब निकलेगी
देह से तेरी जान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
हां , अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ये खाली एक मजाकां है
पर दिल किसी का कभी ना तोड़ो
ये असली घर खुदा का है
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
देखने में है भोला भाला
मस्त निगाने और मतवाला
तसवी फेरे सुमिरन माला
मुंह का मीठा दिल का काल
सूरत का इंसान मगर है
सीरत का शैतान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
तेरी कपट फरेब मक्कारी
धोखेबाजी झूठी यारी
दिखलाने की रिश्तेदारी
समझ रही है दुनियाँ सारी
फिर भी करते समय पाप
ना कांपे तेरी जात
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
हां , अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
जितने चाहे स्वांग बना ले
जितने चाहे यज्ञ रचा ले
जितने चाहे स्वांग बना ले
जितने चाहे यज्ञ रचा ले
आलम बन विख्यान सुना ले
जोर जोर से अलख जगा ले
बिना भजन भगवन के
साधन निष्फल सारे जान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
हां , अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
मुंह से गुण भी गाते रहना
दिल से कपट चलाते रहना
दुनिया को समझाते रहना
खुद वो पाप कमाते रहना
तू ही कह दे कपटी मन का
कैसे हो कल्याण
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
हां , अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
फिकर ना कर एक दिन आएगा
भेद तुम्हारा खुल जाएगा
फिकर ना कर एक दिन आएगा
भेद तुम्हारा खुल जाएगा
करनी पर तू पछतायेगा
चमन (लेखक ) तुझे क्या समझायेगा
तड़प तड़प कर जब निकलेगी
देह से तेरी जान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
छुप सकते नहीं पाप तुम्हारे
ओ मूरख इंसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
हां , अपने स्वार्थ कारण करता
औरों का नुकसान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
ओ सब कुछ देख रहा भगवान
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