सोच समझ के चाल रे काळ तुझे खावेगा
सोच समझ के चाल रे
काळ तुझे खावेगा
सोच समझ के चाल रे
काळ तुझे खावेगा
सोच समझ के चाल रे
काळ तुझे खावेगा
फीकी पड़े तेरी चमक चटकनी
मुरझा ज्या गी काया
फीकी पड़े तेरी चमक चटकनी
मुरझा ज्या गी काया
जिन गलियों में चले मटक
तन्ने ढोया (अर्थी ) पावेगा
सोच समझ के चाल रे
काळ तुझे खावेगा
हाथ हथकड़ी और पाया बड़ी
हाथ हथकड़ी और पाया बड़ी
गल में थोक पड़े भारया
हाथ हथकड़ी और पाया बड़ी
गल में थोक पड़े भारया राम नाम तन्ने बिसारा
कुण छुटावेगा
सोच समझ के चाल रे
काळ तुझे खावेगा
सोच समझ के चाल रे
काळ तुझे खावेगा
राम किशन यमथाणे (यम का दरबार )
कोण जामणी (जमानत ) तेरी
राम किशन यमथाणे (यम का दरबार )
कोण जामणी (जमानत ) तेरी
भजन की पूंजी पास नहीं
तू क्या के बरतावेगा (खर्च करेगा )
सोच समझ के चाल रे
काळ तुझे खावेगा
सोच समझ के चाल रे
काळ तुझे खावेगा
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं