इस भजन के साथ जुड़ा हुआ किस्सा है की एक बार गुरु मत्स्येन्द्रनाथ एक स्त्री की मोह के पास में पड़ जाते हैं और सांसारिकता में जकड जाते हैं। सुन्दर स्त्री और धन के इस पाश से अपने गुरु को निकालने के लिए जब उनका शिष्य उन्हें समझाता है तो उसकी बात मानकर अपने शिष्य के साथ वापस चलने को तैयार हो जाते हैं। उनके लौटते वक़्त वह सुन्दर स्त्री एक सोने की ईंट को मत्स्येन्द्रनाथ के थैले में डाल देती है। अब मत्स्येन्द्रनाथ माया के वश में हो जाते हैं और उसकी सुरक्षा के लिए चिंतित होकर राह में बार बार अपने शिष्य गोरख नाथ जी पूछते हैं की मार्ग कोई खतरा तो नहीं है। इस पर गोरक्ष नाथ जी थैले से सोने की ईंट को चुपके से निकालकर नदी में फ़ेंक देते हैं और उसमे कुछ कंकर पत्थर भर देते हैं और अपने गुरु को कहते हैं की हम फकीरों को कैसा डर। जब मत्स्येन्द्रनाथ थैले को संभालते हैं तो वे क्रोधित हो जाते हैं और गोरक्षनाथ जी को सोने की ईंट के बारे में पूछते हैं। इस पर गोरक्षनाथ जी एक पहाड़ को ही सोने का बना देते हैं और गुरु को कहते हैं की अब आपको जितना चाहिए उतना सोना लीजिये। यहाँ मत्स्येन्द्रनाथ जी को माया का पाश समझ में आ जाता है।
तेरी लेई परीक्षा गोरख तू पारस से कती कम कोन्या
तेरी लेई परीक्षा गोरख तू पारस से कती कम कोन्या तेरा जैसा शिष्य मिला स आज मन्ने कोई गम कोन्या तेरी लेई परीक्षा गोरख तू पारस से कती कम कोन्या
तेरा जैसा शिष्य मिला स आज मन्ने कोई गम कोन्या
(भई ) मैंने सोने का के करणा स तू मेरे संग में के डरना स (स-है ) मैंने तप जप करणा स रोक सके कोई दम कोन्या तेरा जैसा शिष्य मिला स आज मन्ने कोई गम कोन्या तेरी लेई परीक्षा गोरख तू पारस से कती (कतई ) कम कोन्या
Bhagat Ram Niwas Bhajan,Nath Ji Bhajan Lyrics Hindi
सच गोरक्ष तू पारस कैसा धरती के पर पावे ना ऐसा तू चावे होता जैसा उलटे लखण में हम कोन्या तेरा जैसा शिष्य मिला स आज मन्ने कोई गम कोन्या तेरी लेई परीक्षा गोरख तू पारस से कती (कतई ) कम कोन्या
लेई परीक्षा विद्या की तेरी
प्रशन्न होगी आत्मा होगी मेरी भंडारे की हो ना देरी टाल सब करम कोन्या तेरा जैसा शिष्य मिला स आज मन्ने कोई गम कोन्या तेरी लेई परीक्षा गोरख तू पारस से कती (कतई ) कम कोन्या तेरा जैसा शिष्य मिला स आज मन्ने कोई गम कोन्या
Haryanvi Bhakti Song - Teri Le Priksha Gorakh - Bhakt Ramniwas - Superline Music