बखत कहो या करम कहु नसीब कहो निर धार मीनिंग
बखत कहो या करम कहु, नसीब कहो निर धार।
सहस नाम हैं करम के, मन ही सिरजनहार।।
Bakhat Kaho Ya Karam Kahu, Naseeb Kaho Nir Dhaar.
Sahas Naam Hain Karam Ke, Man Hee Sirajanahaar.
बखत कहो या करम कहु नसीब कहो निर धार मीनिंग
मन ही कर्मों को पैदा करने वाला है, यह कर्मों का सिरजनहार हार है अब उसे चाहे वक़्त कहो या करम या उसे नसीब कह लो, करम के सैंकड़ों नाम हैं और इन सबका निर्माता हमारा ही मन है। मन में एक विचार पैदा होता है और फिर वही मूर्त रूप लेकर कर्म का रूप धारण कर लेता है। आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं