बाल गंगाधर तिलक रविन्द्रनाथ ठाकुर और गांधी के अनमोल विचार Bal Gangadhar Tilak Aur Ravindra Nath Ke Prerak Vichaar

बाल गंगाधर तिलक रविन्द्रनाथ ठाकुर और गांधी के अनमोल विचार Bal Gangadhar Tilak Aur Ravindra Nath Ke Prerak Vichaar

बाल गंगाधर तिलक रविन्द्रनाथ ठाकुर और गांधी के अनमोल विचार Bal Gangadhar Tilak Aur Ravindra Nath Ke Prerak Vichaar

बाल गंगाधर तिलक

  • स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा.
  • (उग्रवादी काल में यह शब्द काफी लोकप्रिय हुआ, जब बाल गंगाधर तिलक ने यह उद्घोषणा की कि ‘‘स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।)
  • एक बहुत प्राचीन सिद्धांत है की ईश्वर उनकी ही सहायता करता है ,जो अपनी सहायता आप करते हैं। आलसी व्यक्तियों के लिए ईश्वर अवतार नहीं लेता। वह उद्योगशील व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होता है। इसलिए कार्य करना शुरु कीजिये।
  • हो सकता है ये भगवान की मर्जी हो कि मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे पीड़ा में होने से अधिक लाभ मिले।
  • मानव प्रकृति ही ऐसी है की हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते। उत्सव प्रिय होना मानव स्वाभाव है। हमारे त्यौहार होने ही चाहियें।
  • आलसी व्यक्तियों के लिए भगवान अवतार नहीं लेते, वह मेहनती व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होते हैं, इसलिए कार्य करना आरम्भ करें।
  • आप कठिनाइयों, खतरों और असफलताओं के भय से बचने का प्रयत्न मत कीजिये। वे तो निश्चित रूप से आपके मार्ग मे आनी ही हैं।
  • एक बहुत पुरानी कहावत है की भगवान उन्ही की सहायता करता है, जो अपनी सहायता स्वयं करते हैं।
  • आप केवल कर्म करते जाइए, उसके परिणामों पर ध्यान मत दीजिये।
  • मानव स्वभाव ही ऐसा है कि हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते, उत्सव प्रिय होना मानव स्वभाव है। हमारे त्यौहार होने ही चाहिए।
  • कर्त्तव्य पथ पर गुलाब-जल नहीं छिड़का होता है और ना ही उसमे गुलाब उगते हैं।
  • आप मुश्किल समय में खतरों और असफलताओं के डर से बचने का प्रयास मत कीजिये। वे तो निश्चित रूप से आपके मार्ग में आयेंगे ही।
  • प्रातः काल मे उदित होने के लिए ही सूर्य संध्या काल मे अन्धकार के गर्त मे चला जाता है। अन्धकार मे जाए बिना प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता। गर्म हवा के झोंकों मे जाए बिना, कष्ट उठाये बिना, पैरों मे छाले पड़े बिना, स्वतन्त्रता नहीं मिल सकती।
  • आपके लक्ष्य की पूर्ति स्वर्ग से आये किसी जादू से नहीं हो सकेगी! आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना है! कार्य करने और कढोर श्रम करने के दिन यही हैं।
  • बिना कष्ट के कुछ नहीं मिलता।
  • प्रातः काल में उदय होने के लिए ही सूरज संध्या काल के अंधकार में डूब जाता है और अंधकार में जाए बिना प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता।
  • जनमत जैसी एक चीज होती है जिससे स्वेच्छाचारी और तानाशाह भय खाते हैं।
  • अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये, हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये।
  • अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा ? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये ,हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये।
  • मनुष्य का प्रमुख लक्ष्य भोजन प्राप्त करना ही नहीं है! एक कौवा भी जीवित रहता है और जूठन पर पलता है।
  • दूसरे के मुह से पानी नहीं पिया जा सकता ,हमे पानी स्वयं पीना होगा। वर्तमान व्यवस्था (अंग्रेजी हुकूमत ) हमे दुसरे के मुह से पानी पीने के लिए मजबूर करती है। हमे अपने कुवें से अपना पानी खीचना और पानी पीना चाहिये।
  • अगर आप रुके और हर भौंकने वाले कुत्ते पर पत्थर फेंकेंगे तो आप कभी अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचेंगे। बेहतर होगा कि हाथ में बिस्कुट रखें और आगे बढ़ते जायें।
  • आपको ये नहीं मानना चाहिये की आप जो श्रम करेंगे उससे उत्पन्न फसल को आप ही काटेंगे। सदेव ऐसा नहीं होता। हमे अपनी पूर्ण शक्ति से श्रम करना चाहिये और उसका परिणाम आने वाली पीढ़ी के भोगने के लिए छोड़ देना चाहिये। याद रखिये ,आप जो आम आज खा रहे हैं उनके पेड़ आपने नहीं लगाये थे।
  • आपके लक्ष्य की पूर्ती स्वर्ग से आये किसी जादू से नहीं हो सकेगी! आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना है ! कार्य करने और कढोर श्रम करने के दिन यही हैं।
  • अगर आप नहीं दोड़ सकते तो ना दौडें, लेकिन जो दोड़ सकते हैं, उनकी टांग क्यों खींचते हैं ?
  • मानव स्वभाव ही ऐसा है कि हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते। उत्सव प्रिय होना मानव स्वभाव है। हमारे त्यौहार होने ही चाहियें।
  • महान उपलब्धियां सरलता से नहीं मिलतीं और सरलता से मिली उपलब्धियां महान नहीं होतीं।
  • अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये ,हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये
  • आपके लक्ष्य की पूर्ती स्वर्ग से आये किसी जादू से नहीं हो सकेगी। आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना है। कार्य करने और कढोर श्रम करने के दिन यही हैं।
  • हम हमारे सामने सही रास्ते के प्रकट होने के इंतजार में अपने दिन खर्च करते हैं, लेकिन हम भूल जाते हैं कि रास्ते इंतजार करने के लिए नहीं, बल्कि चलने के लिए बने हैं
  • आपका दोष क्षमता की कमी या साधनों की कमी की दृष्टि से नहीं है, वरन दोष इस बात मे है की आपमें संकल्प का अभाव है। आपने उस संकल्प को अपने मे उत्पन्न नहीं किया है जो आपको पहले ही उत्पन्न कर लेना था। संकल्प ही सब कुछ है। आपको संकल्प शक्ति इतना साहस दे सकती है की आपको लक्ष्य पाने से कोई नहीं रोक सकता।
  • मानव प्रकृति ही ऐसी है की हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते! उत्सव प्रिय होना मानव स्वाभाव है ! हमारे त्यौहार होने ही चाहियें
  • जब लोहा गरम हो तभी उस पर चोट कीजिये और आपको निश्चय ही सफलता का यश प्राप्त होगा।
  • मराठी मे एक कहावत है - घोडा अड़ा क्यों ? पान सडा क्यों ? और रोटी जली क्यों ? इन सबका एक ही उत्तर है -पलटा ना था।
  • एक बहुत प्राचीन सिद्धांत है की ईश्वर उनकी ही सहायता करता है, जो अपनी सहायता आप करते हैं! आलसी व्यक्तियों के लिए ईश्वर अवतार नहीं लेता ! वह उद्योगशील व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होता है ! इसलिए कार्य करना शुरु कीजिये
  • आपके विचार सही हों ,आपके लक्ष्य ईमानदार हों ,और आपके प्रयास संवेधानिक हों तो मुझे पूर्ण विश्वास है की आपको अपने प्रयत्नों मे सफलता मिलेगी।
  • धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं हैं। सन्यास लेना जीवन का परित्याग करना नहीं है। असली भावना सिर्फ अपने लिए काम करने की बजाये देश को अपना परिवार बना मिलजुल कर काम करना है। इसके बाद का कदम मानवता की सेवा करना है और अगला कदम ईश्वर की सेवा करना है।
  • मनुष्य का प्रमुख लक्ष्य भोजन प्राप्त करना ही नहीं है। एक कौवा भी जीवित रहता है और जूठन पर पलता है।
  • यदि हम किसी भी देश के इतिहास को अतीत में जाएं, तो हम अंत में मिथकों और परम्पराओं के काल में पहुंच जाते हैं जो आखिरकार अभेद्य अन्धकार में खो जाता है।
  • कायर ना बनें, शक्तिशाली बनें और विशवास रखें की ईश्वर आपके साथ है।
  • भूविज्ञानी पृथ्वी का इतिहास वहां से उठाते हैं जहाँ से पुरातत्वविद् इसे छोड़ देते हैं, और उसे और भी पुरातनता में ले जाते हैं।

श्री रविन्द्र नाथ ठाकुर के विचार

  • आयु सोचती है, जवानी करती है।
  • क्योंकि मैं इस जीवन से प्यार करता हूँ और मुझे मालूम है की मैं अपनी मौत को भी प्यार करूंगा। बच्चा रोता हैं जब माँ दाएं स्तन से इसे दूर ले जाती है, और दूसरे ही क्षण जब माँ बच्चे को बाईं स्तन की ओर लाती है तो वो सांत्वना पाता है।
  • पंखुडियां तोड़ कर आप फूल की खूबसूरती नहीं इकठ्ठा करते।
  • आपकी मूर्ति जब टूट कर धूल में मिल जाती है तो वो इस को साबित करती है कि इश्वर की धूल आपकी मूर्ती से महान है।
  • मिटटी के बंधन से मुक्ति पेड़ के लिए आज़ादी नहीं है
  • मुझे खतरों से बचने की प्रार्थना नहीं करनी चाहिए, बल्कि उनका सामना करने में निडर होना चाहिए। मुझे अपने दर्द को दूर करने के लिए नहीं, बल्कि दिल को जीतने के लिए भीख माँगने दो।
  • जो कुछ हमारा है वो हम तक आता है; यदि हम उसे ग्रहण करने की क्षमता रखते हैं।
  • मंदिर की गंभीर उदासी से बाहर भागकर बच्चे धूल में बैठते हैं, भगवान् उन्हें खेलता देखते हैं और पुजारी को भूल जाते हैं।
  • आप फूलों को एकत्रित करने के लिए रुको मत। बढ़ते चलो, आगे बढ़ते चलो, तुम्हारी राह में निरंतर फूल खिलते रहेंगे।
  • मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है; ये सिर्फ दीपक को बुझाना है क्योंकि सुबह हो गयी है।
  • मैं सो गया और सपना देखा तो जीवन आनंदमय था। मैं जागा और देखा कि जीवन सेवा है। मैंने अभिनय किया और देखा, सेवा खुशी थी।
  • हर बच्चा इसी सन्देश के साथ आता है कि भगवान अभी तक मनुष्यों से हतोत्साहित नहीं हुआ है
  • मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती।
  • विश्वास उस पक्षी की तरह है जो प्रकाश को महसूस करता है और जब शांत अंधेरा होता है तो गाता है।
  • जो कुछ हमारा है वो हम तक तभी पहुचता है जब हम उसे ग्रहण करने की क्षमता विकसित करते हैं।
  • बर्तन में रखा पानी हमेशा चमकता है जबकि समुद्र का पानी हमेशा गहरे रंग का होता है। लघु सत्य के शब्द केवल स्पष्ठ होते हैं, जबकि महान सत्य हमेशा मौन रहता है।
  • वे लोग जो अच्छाई करने में बहुत ज्यादा व्यस्त होते है, स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाते।
  • छोटा ज्ञान गिलास में भरे पानी की तरह होता है जो स्पष्ट, पारदर्शी और शुद्ध होता है, जबकि महान ज्ञान समुद्र में भरे पानी की तरह है जो अंधेरा, रहस्यमय, अभेद्य होता है।
  • मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है; ये सिर्फ दीपक को बुझाना है क्योंकि सुबह हो गयी है
  • मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती.
  • मनुष्य सुख में शायद भगवान को भूल जाता है और फिर वह अहंकार पाप कर्म की ओर प्रवृत्त होता है । दुख में हम बरबस भगवान को याद करते हैं और वह हमारा वास्तविक अभीष्ट है ।

महात्मा गांधी के विचार

  • वे ईसाई हैं, इससे क्या हिन्दुस्तानी नहीं रहे ? और परदेशी बन गये ?
  • आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता सागर के समान है; यदि सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता।
  • कितने ही नवयुवक शुरु में निर्दोष होते हुए भी झूठी शरम के कारण बुराई में फँस जाते होगे ।
  • जब मैं सूर्यास्त और चन्द्रमा के सौंदर्य की प्रसंशा करता हूँ, मेरी आत्मा इसके निर्माता के पूजा के लिए विस्तृत हो उठती है।
  • उस आस्था का कोई मूल्य नहीं जिसे आचरण में न लाया जा सके।
  • शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती है। यह एक अदम्य इच्छा शक्ति से आती है।
  • अहिंसा एक विज्ञान है। विज्ञान के शब्दकोश में 'असफलता' का कोई स्थान नहीं।
  • हो सकता है आप कभी ना जान सकें कि आपके काम का क्या परिणाम हुआ, लेकिन यदि आप कुछ करेंगे नहीं तो कोई परिणाम नहीं होगा।
  • सार्थक कला रचनाकार की प्रसन्नता, समाधान और पवित्रता की गवाह होती है।
  • व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है.
  • एक सच्चे कलाकार के लिए सिर्फ वही चेहरा सुंदर होता है जो बाहरी दिखावे से परे, आत्मा की सुंदरता से चमकता है।
  • चलिए सुबह का पहला काम ये करें कि इस दिन के लिए संकल्प करें कि मैं दुनिया में किसी से नहीं डरूंगा। नहीं, मैं केवल भगवान से डरूं। मैं किसी के प्रति बुरा भाव न रखूं। मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं। मैं असत्य को सत्य से जीतूं और असत्य का विरोध करते हुए मैं सभी कष्टों को सह सकूं।
  • मनुष्य अक्सर सत्य का सौंदर्य देखने में असफल रहता है, सामान्य व्यक्ति इससे दूर भागता है और इसमें निहित सौंदर्य के प्रति अंधा बना रहता है।
  • पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे,फिर वो आप पर हँसेंगे,फिर आप से लड़ेंगे और फिर आप जीत जायेंगे.
  • चरित्र और शैक्षणिक सुविधाएँ ही वह पूँजी है जो मातापिता अपने संतान में समान रूप से स्थानांतरित कर सकते हैं।
  • हर रात जब मैं सोने जाता हूँ तो मैं मर जाता हूँ और अगली सुबह, जब मैं उठता हूँ तो मेरा पुनर्जन्म होता है.
  • विश्व के सारे महान धर्म मानवजाति की समानता, भाईचारे और सहिष्णुता का संदेश देते हैं।
  • अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ कर देती है.
  • अधिकारों की प्राप्ति का मूल स्रोत कर्तव्य है।
  • जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है.
  • सच्ची अहिंसा मृत्युशैया पर भी मुस्कराती रहेगी। 'अहिंसा' ही वह एकमात्र शक्ति है जिससे हम शत्रु को अपना मित्र बना सकते हैं और उसके प्रेमपात्र बन सकते हैं
  • विश्व के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों, लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है.
  • अधभूखे राष्ट्र के पास न कोई धर्म, न कोई कला और न ही कोई संगठन हो सकता है।
  • एक विनम्र तरीके से, आप दुनिया को हिला सकते हैं.
  • नि:शस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी।
  • कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसे सीखो जैसे कि तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो.
  • आत्मरक्षा हेतु मारने की शक्ति से बढ़कर मरने की हिम्मत होनी चाहिए।
  • जब मैं निराश होता हूँ, मैं याद कर लेता हूँ कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग की ही हमेशा विजय होती हैं। कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं, और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता हैं। इसके बारे में हमेशा सोचो।
  • जब भी मैं सूर्यास्त की अद्भुत लालिमा और चंद्रमा के सौंदर्य को निहारता हूँ तो मेरा हृदय सृजनकर्ता के प्रति श्रद्धा से भर उठता है।
  • हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें। हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा।
  • राज्य की बल-शक्ति व्यक्ति की स्वतंत्रता तथा व्यक्तित्व हेतु विनाशकारी है
  • आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाते हैं, आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं, आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं, आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नीयति बन जाती हैं।
  • वीरतापूर्वक सम्मान के साथ मरने की कला के लिए किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती। उसके लिए परमात्मा में जीवंत श्रद्धा काफी है।
  • अहिंसा मानवता के लिए सबसे बड़ी ताकत हैं। यह आदमी द्वारा तैयार विनाश के ताकतवर हथियार से अधिक शक्तिशाली हैं।
  • क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है।
  • एकमात्र वस्तु जो हमें पशु से भिन्न करती है वह है सही और गलत के मध्य भेद करने की क्षमता जो हम सभी में समान रूप से विद्यमान है।
  • आपकी समस्त विद्वत्ता, आपका शेक्सपियर और वडर््सवर्थ का संपूर्ण अध्ययन निरर्थक है यदि आप अपने चरित्र का निर्माण व विचारों क्रियाओं में सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाते।
  • वक्ता के विकास और चरित्र का वास्तविक प्रतिबिंब 'भाषा' है।
  • स्वच्छता, पवित्रता और आत्म-सम्मान से जीने के लिए धन की आवश्यकता नहीं होती।
  • निर्मल चरित्र एवं आत्मिक पवित्रता वाला व्यक्तित्व सहजता से लोगों का विश्वास अर्जित करता है और स्वत : अपने आस पास के वातावरण को शुद्ध कर देता है।
  • जीवन में स्थिरता, शांति और विश्वसनीयता की स्थापना का एकमात्र साधन भक्ति है।
  • सुखद जीवन का भेद त्याग पर आधारित है। त्याग ही जीवन है।
  • अधिकार-प्राप्ति का उचित माध्यम कर्तव्यों का निर्वाह है।
  • उफनते तूफान को मात देना है तो अधिक जोखिम उठाते हुए हमें पूरी शक्ति के साथ आगे बढना होगा।
  • रोम का पतन उसका विनाश होने से बहुत पहले ही हो चुका था।
  • गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती। वह तो केवल अपनी खुशबू बिखेरता है। उसकी खुशबू ही उसका संदेश है।
  • जहां तक मेरी दृष्टि जाती है मैं देखता हूं कि परमाणु शक्ति ने सदियों से मानवता को संजोये रखने वाली कोमल भावना को नष्ट कर दिया है।
  • राज्य हिंसा पर आधारित है। यह संगठित रूप में हिंसा की प्रतिनिधित्व करता है,
  • मेरे विचारानुसार गीता का उद्देश्य आत्म-ज्ञान की प्राप्ति का सर्वोत्तम मार्ग बताना है।

Bal Gangadhar Tilak

  • Swaraj is my birthright and I will keep it.
  • (The term became very popular during the militant era, when Bal Gangadhar Tilak announced that "Swaraj is my birthright and I will carry it."
  • There is a very ancient theory that God only helps those who help themselves. God does not incarnate for lazy people. It only appears to industrialists. So start working.
  • It may be the will of God that the reason I represent should benefit me more than being free and being in my pain.
  • Human nature is such that we cannot live without celebrations. Being a lover of celebration is human nature. Our festivals must be held.
  • God does not incarnate for lazy people, he incarnates only for hardworking people, so start working.
  • Do not try to avoid the fear of difficulties, dangers and failures. They definitely have to come in your way.
  • There is a very old saying that God helps those who help themselves.
  • You just keep doing karma, don't pay attention to its consequences.
  • Human nature is such that we cannot live without celebrations, it is human nature to love festivals. We should have our festivals.
  • Rose-water is not sprinkled on the duty path, nor do roses grow in it.
  • Do not try to avoid fear of dangers and failures in difficult times. They will definitely come in your way.
  • To rise in the morning, the sun goes into the trough of darkness in the evening. Light cannot be attained without going into darkness. One cannot get freedom without going to the gusts of hot air, without suffering, without blistering in the feet.
  • Your goal will not be accomplished by any magic coming from heaven! You have to achieve your goal! These are the days of working and doing hard labor.
  • Nothing is found without suffering.
  • To rise in the morning, the sun sinks in the darkness of dusk and without going into darkness one cannot receive light.
  • There is such a thing as public opinion that arbiters and dictators fear.
  • If we do not become aware ourselves to protect our interests, then who else will be there? We should not sleep at this time, we should try to fulfill our goal.
  • If we do not become aware of ourselves to protect our interests, then who else will be there? We should not sleep at this time, we should try to fulfill our goal.
  • The main goal of man is not to get food! A crow also survives and grows up on the leg.
  • Water cannot be drunk from the mouth of another, we have to drink water ourselves. The present system (English rule) forces us to drink water from each other's mouth. We should draw our water from our wells and drink water.
  • If you stop and throw stones at every barking dog, you will never reach your destination. It would be better to keep the biscuits in your hand and keep going.
  • You should not assume that you will reap the crop produced by the labor you do. It is not always so. We should labor with our full strength and leave the result to the future generation. Remember, you did not plant the trees of the mangoes you are eating today.
  • Your goal will not be accomplished by any magic coming from heaven! You have to achieve your goal! These are the days of working and doing hard labor.
  • If you can't run then don't run, but why pull the legs of those who can break?
  • Human nature is such that we cannot live without celebrations. It is human nature to love the festival. Our festivals must be held.
  • Great achievements are not easily achieved, and easy achievements are not great.
  • If we do not become aware of ourselves to protect our interests, then who else will be there? We should not sleep at this time, we should try to fulfill our goal
  • Your goal will not be accomplished by any magic coming from heaven. You have to achieve your goal. These are the days of working and doing hard labor.
  • We spend our days waiting for the right path to appear in front of us, but we forget that the paths are made not for waiting but for walking.
  • Your fault is not in terms of lack of ability or lack of means, but the fault is that you lack resolve. You have not generated the resolve that you had to generate in advance. Resolution is everything. Sankalp can give you so much courage that nothing can stop you from achieving your goals.
  • Human nature is such that we cannot live without celebrations! It is human nature to love a festival! Our festivals should be
  • Only when the iron is hot, hit it and you will surely get the success of success.
  • There is a saying in Marathi - Why horse? Why are you always drunk? And why did the bread burn? They all have only one answer - there was no change.
  • There is a very ancient theory that God helps those who help themselves! God does not incarnate for lazy people! He only appears to industrialists! So start working
  • Your ideas should be right, your goals should be honest, and your efforts will be stimulated

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